आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित विश्व पुस्तक मेला, जहां पाठकों की बड़ी संख्या ने यह साबित किया कि फिजिकल किताबों का अनुभव डिजिटल किताबों से कहीं बेहतर होता है. बड़ी संख्या में लोग किताबों और साहित्य के महासंगम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. अब वर्ल्ड बुक फेयर में वीकेंड पर फ्री एंट्री होगी.
साथ ही आपको बता दें कि कल एनबीटी की 20 भाषाओं में 40+ पुस्तकों का लोकार्पण होगा. चिल्ड्रेन पवेलियन में बच्चों की एक्टिविटी हुई, 3000+ लेखकों का इंटरेक्शन हुआ. 600 साहित्यिक कार्यक्रम और 200+ सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए.
आजकल डिजिटल किताबों का दौर जरूर बढ़ा है, लेकिन फिर भी फिजिकल किताबों के प्रति लोगों का रुझान कम नहीं हुआ है. दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित विश्व पुस्तक मेला इसका उदाहरण है, जहां पाठकों की बड़ी संख्या ने यह साबित किया कि फिजिकल किताबों का अनुभव डिजिटल किताबों से कहीं ज्यादा बेहतर होता है.
पुस्तकों पर छूट का अवसर
हिंदी और अंग्रेजी की फिक्शन, नॉन-फिक्शन किताबों के अलावा प्रतियोगी परीक्षा और स्कूली शिक्षा से संबंधित किताबों पर 10 से 30 फीसदी तक की छूट मिल रही है. पेंग्विन जैसे बड़े प्रकाशक अपनी किताबों पर 20 फीसदी तक की छूट दे रहे हैं.
ओसवाल बुक्स जैसे प्रकाशक प्रतियोगी परीक्षा और स्कूल की किताबों पर 30 फीसदी तक की छूट दे रहे हैं. इस छूट का लाभ उठा कर लोग अपनी पढ़ाई के लिए जरूरी किताबें खरीद सकते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो विश्व पुस्तक मेला किताबों के प्रेमियों के लिए एक शानदार मौका है.
मेला में इस बार स्कॉटलैंड के प्रसिद्ध कवि राबर्ट बर्न्स की कविताओं का हिंदी में अनुवाद प्रस्तुत किया गया. लेखिका अनु रंजन ने राबर्ट बर्न्स की 20 प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी में अनुवाद किया है. इस संग्रह का नाम रखा गया है, ‘राबर्ट बर्न्स: 20 कालजयी कविताएं’.
इस पुस्तक का विमोचन साहित्य अकादमी के स्टाल पर किया गया. राबर्ट बर्न्स की कविताएं 17वीं शताब्दी के स्कॉटलैंड के समाज को समझने का बेहतरीन तरीका हैं और यह हिंदी पाठकों को उनके जीवन और विचारों के बारे में जानने का मौका देती हैं.