बिना प्रमाण ईवीएम पर आरोप नहीं लगाए जा सकते : मजीद मेमन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-12-2024
 Majeed Memon
Majeed Memon

 

मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद मजीद मेमन ने गुरुवार को कई अहम मुद्दों पर अपनी राय दी. उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति, राष्ट्रीय मुद्दों और राजनीतिक दलों के बीच चल रहे विवादों पर खुलकर अपनी बात रखी.

मजीद मेमन ने ईवीएम से जुड़े सुप्रिया सुले की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बिना ठोस प्रमाण के ईवीएम पर आरोप नहीं लगाए जा सकते. जब तक किसी भी आरोप का पुख्ता सबूत नहीं मिलता, तब तक ईवीएम पर सवाल उठाना उचित नहीं है. उनका कहना था कि इस मुद्दे पर सभी पार्टियों का एक ही रुख है और ईवीएम के खिलाफ जो भी बयान दिए गए हैं, वह गठबंधन के उद्देश्य को नहीं बदल सकते.

मजीद मेमन ने सलमान रुश्दी की पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' पर 36 साल बाद से हटाए गए प्रतिबंध पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करती थी और इससे मुस्लिम समाज में एक गहरी असहमति उत्पन्न हो रही थी. मजीद मेमन ने सरकार से सवाल किया कि इस प्रतिबंध को हटाने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई. क्या इसका उद्देश्य समाज में और अधिक तनाव पैदा करना है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को तूल देना किसी भी पक्ष के लिए फायदेमंद नहीं होगा और इसे ठंडे बस्ते में रखा जाना चाहिए.

महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति (शिवसेना, बीजेपी और अन्य सहयोगी दल) के बीच बढ़ते मतभेदों पर मजीद मेमन ने कहा कि इन तीन पार्टियों के बीच आगामी छह महीने में यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह कितने सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम कर पाते हैं. महाराष्ट्र की जनता को यह सोचने की जरूरत है कि क्या यह गठबंधन सही दिशा में जा रहा है या नहीं. हर मंत्री अपनी-अपनी पोर्टफोलियो की तलाश में था और इस तरह की त्रिकोणीय लड़ाई को दबा दिया गया है. हालांकि, यह दबाव सिर्फ अस्थायी था और अगले छह महीनों में यह साफ हो जाएगा कि राज्य सरकार कितनी सक्षम है और क्या यह सरकार जनता के मुद्दों को सही ढंग से हल कर पा रही है या नहीं.

बीएमसी चुनाव में शिवसेना और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने की बात पर मजीद मेमन ने कहा कि एनसीपी भी अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. यदि सभी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ती हैं तो एनसीपी इसका स्वागत करेगी, लेकिन अगर अकेले लड़ना पड़ा तो पार्टी इसके लिए भी तैयार है.

महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए 17 बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता के कारण कई बांग्लादेशी नागरिक भारत में प्रवेश कर रहे हैं. भारत की सीमाओं में अवैध प्रवासियों का प्रवेश एक गंभीर मुद्दा है और इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

संजय राउत के बयान पर मजीद मेमन ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का कद भारतीय राजनीति में काफी बड़ा था. उन्होंने वाजपेयी की तुलना जवाहरलाल नेहरू से करने को अनुचित बताया और कहा कि अटल जी ने अपनी सरकार को बहुत संतुलित और समावेशी तरीके से चलाया था. अटल जी को सिर्फ बीजेपी या आरएसएस के लोग ही नहीं, बल्कि विपक्षी दल भी सम्मान देते हैं.