वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ सभी कानूनी उपाय करेंगे: एआईएमपीएलबी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-11-2024
Syed Qasim Rasool Ilyas
Syed Qasim Rasool Ilyas

 

बेंगलुरु. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक की कड़ी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि वे इसे रोकने के लिए सभी कानूनी तरीके आजमाएंगे.

रविवार को बेंगलुरु में शुरू हुए अपने दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान एआईएमपीएलबी ने विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक और समान नागरिक संहिता (सीएए) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने एएनआई को बताया, ‘‘यह एक सामान्य सम्मेलन है और हर तीन साल में हम अपनी नई टीम चुनते हैं. इस बार हमने एक नया अध्यक्ष, महासचिव, सचिव, कोषाध्यक्ष और प्रवक्ता भी चुना है. सम्मेलन में, हम अपने समुदाय के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा करते हैं. हमने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा की और हम इसका विरोध क्यों करते हैं और हम आगे क्या करेंगे. हमने समान नागरिक संहिता पर भी चर्चा की, जिसे उत्तराखंड में पहले ही लागू किया जा चुका है. हमने इस अधिनियम को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है.’’

रसूल इलियास ने देश में कथित नफरत भरे भाषणों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि विभिन्न नेता पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ परेशान करने वाले बयान दे रहे हैं, उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की टिप्पणी दुनिया भर के किसी भी मुसलमान को स्वीकार्य नहीं है.

रसूल इलियास ने कहा, ‘‘हर दिन (नाम) मस्जिद में एक नया विवाद शुरू होता है और फिर अदालत सर्वेक्षण का आदेश देती है. अगर पूजा स्थल अधिनियम है, तो उसे लागू किया जाना चाहिए...देश में नफरत भरे भाषण भी चल रहे हैं और विभिन्न नेता पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ परेशान करने वाले बयान दे रहे हैं जो दुनिया भर के किसी भी मुसलमान को स्वीकार्य नहीं है.’’

वक्फ (संशोधन) विधेयक के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, जिसे 25 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए लाए जाने की संभावना है. उन्होंने कहा, ‘‘हम वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ उपलब्ध सभी कानूनी, संवैधानिक प्रावधानों को लेंगे....’’

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 में व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों से इनपुट इकट्ठा करने के लिए कई बैठकें कर रही है, जिसका उद्देश्य सबसे व्यापक सुधार संभव बनाना है.