प्रयागराज
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बुधवार को पुष्टि की कि अखाड़े आज चल रहे महाकुंभ में भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था के बाद स्नान में भाग नहीं लेंगे.उन्होंने लोगों से आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट पर जाना चाहते थे.पुरी ने कहा, "घटना से हम दुखी हैं. हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे. जनहित में हमने फैसला किया है कि अखाड़े आज स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं. साथ ही, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट जाना चाहते थे.
इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए. यह प्रशासन की गलती नहीं है. करोड़ों लोगों को संभालना आसान नहीं है. हमें अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए." साध्वी निरंजन ज्योति ने अव्यवस्था के बाद अपनी दुख भरी स्थिति व्यक्त की.
उन्होंने श्रद्धालुओं को सलाह दी कि वे किसी भी घाट पर स्नान करें. सिर्फ त्रिवेणी घाट पर नहीं, बल्कि पूरा मेला क्षेत्र ही कुंभ है. साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, "यह एक दुखद घटना है. जो कुछ भी हुआ, वह सही नहीं था. अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान को रद्द करने का फैसला किया है.
एकत्रित होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षा से कहीं अधिक है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि पूरा मेला क्षेत्र कुंभ है, इसलिए वे त्रिवेणी घाट ही नहीं, बल्कि किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं." इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले की स्थिति की समीक्षा के लिए बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की.
प्रधानमंत्री ने तत्काल सहायता उपाय करने का आह्वान किया. बचाव अभियान जारी है और भारी भीड़ के कारण हुई अफरातफरी में घायल हुए लोगों को सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम घाटों पर 80 से 100 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के 'अमृत स्नान' के लिए एकत्र होने की उम्मीद है.
इस अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए त्रिवेणी संगम के घाटों के पास भारी भीड़ उमड़ी. मौनी अमावस्या, जो दूसरे शाही स्नान का दिन है, में 80-100 मिलियन लोगों की भीड़ जुटने की उम्मीद है. महाकुंभ के दौरान अन्य महत्वपूर्ण स्नान तिथियों में 3 फरवरी (बसंत पंचमी-तीसरा शाही स्नान), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं.