मालेगांव के चुनाव को प्रभावित कर सकेंगे आसिफ शेख और उनकी इस्लाम पार्टी ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 11-11-2024
मालेगांव के चुनाव को प्रभावित कर सकेंगे आसिफ शेख और उनकी इस्लाम पार्टी ?
मालेगांव के चुनाव को प्रभावित कर सकेंगे आसिफ शेख और उनकी इस्लाम पार्टी ?

 

फजल पठान 

चुनावों के समय में नए राजनीतिक समीकरण और कई बार नई राजनीतिक पार्टियों की घोषणाएं होती हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों  के साथ ही राजनीति गर्मा गई है. राज्य में इस समय तीन प्रमुख गठबंधनों के बीच चुनावी फजल मुकाबला चल रहा है: महाविकास आघाड़ी, महायुती और बच्चू कडू, राजू शेट्टी, और संभाजीराजे छत्रपती की तीसरी आघाड़ी.

दूसरी ओर, चुनावों के अनकरीब शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से बाहर निकलकर मालेगाव के पूर्व विधायक आसिफ शेख ने 'इंडियन सेक्युलर पार्टी' नामक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की है. चूँकि मालेगांव में 80% से ज्यादा मुस्लिम आबादी है, इसलिए इस नई पार्टी की राजनीतिक हलकों में जोरदार चर्चा हो रही है.

आवाज मराठी से बात करते हुए पूर्व विधायक आसिफ शेख ने पार्टी की स्थापना के बारे में कहा, "मैं पहले कांग्रेस में था. उसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हुआ था. मैं शुरू से ही समाजसेवा और राजनीति में प्रगतिशील विचारधारा के साथ काम करता रहा हूं.

इन दोनों पार्टियों में काम करने के बाद मुझे यह महसूस हुआ कि कोई भी राजनीतिक पार्टी अल्पसंख्यक, खासकर मुस्लिम समाज के हित में काम करने के लिए उत्सुक नहीं है. मुस्लिम समाज हर दृष्टि से पिछड़ा हुआ है. इसके अलावा, मुस्लिमों पर होने वाले अत्याचार भी लगातार बढ़ रहे हैं."

उन्होंने आगे बताया, "राज्य विधानसभा में अगर मुस्लिमों के लिए आवाज उठानी है तो विधायक होना जरूरी है. जब मुस्लिम प्रतिनिधि किसी दूसरे पार्टी में काम करते हैं तो उन पर पार्टी का दबाव होता है. इस कारण से महाराष्ट्र के किसी भी राजनीतिक नेता को मुस्लिमों के मुद्दे को सही तरीके से उठाते हुए नहीं देखा जाता.

अल्पसंख्यकों के मुद्दों को निर्भीकता से उठाने और उन्हें सरकार के सामने लाने के लिए मैंने 'इंडियन सेक्युलर पार्टी' का गठन किया. इस पार्टी की भारतीय चुनाव आयोग के पास आधिकारिक पंजीकरण भी हो चुका है. यह पार्टी धर्मनिरपेक्ष है और सभी जातियों व समुदायों का प्रतिनिधित्व करती है। इसके जरिए मैं मुस्लिम समाज के मुद्दों को सरकार के सामने लाने का प्रयास करूंगा."

स्थानीय पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक जलील शेख ने इस बारे में बताया, "आसिफ शेख ने पहले इस्लाम नाम से पार्टी की स्थापना की थी. इस संबंध में मीडिया में खबरें भी आई थीं. इसके बाद मालेगाव के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आसिफ शेख से मुलाकात की और इस मुलाकात के बाद उन्होंने पार्टी का नाम 'इंडियन सेक्युलर पार्टी' रख लिया."

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कौन हैं इंडियन सेक्युलर पार्टी के संस्थापक आसिफ शेख?

आसिफ शेख मालेगाव मध्य विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक हैं. आसिफ ने 2014 में कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था और मौलाना मुफ्ती को हराया था. फिर 2019 में उन्होंने दूसरी बार चुनाव लड़ा, लेकिन पिछली बार उन्हें  एमआईएम के उम्मीदवार मौलाना मुफ्ती से शिकस्त खाई.

आसिफ ने 2021 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए. राष्ट्रवादी में मतभेदों के बाद उन्होंने शरद पवार के साथ रहने का निर्णय लिया. लेकिन पिछले महीने उन्होंने शरद पवार से समर्थन वापस लेते हुए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.

आसिफ शेख ने किन मुद्दों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान?

आगामी विधानसभा चुनावों में इंडियन सेक्युलर पार्टी से मालेगांव मध्य सीट पर एकमात्र उम्मीदवार चुनाव लडेगा. इसके लिए पार्टी के संस्थापक आसिफ शेख उम्मीदवार होंगे. जब उनसे पूछा गया कि वे किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा, 'मालेगांव का सर्वांगीण विकास ही हमारा मुख्य एजेंडा है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं.

सक्रिय राजनीति में काम करते हुए किए गए विभिन्न विकास कार्यों के आधार पर ही मैं यह चुनाव लड़ूंगा. मालेगांव शहर के विकास के लिए मैंने अपने पिता की तरह ही बड़ा योगदान दिया है.'"उन्होंने आगे कहा, "राज्य में सत्तारूढ़ दल के प्रमुख लोग हमेशा मुस्लिमों के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठाते.

इस कारण से, मैं आने वाले समय में मालेगांव क्षेत्र और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए आवाज उठाऊंगा. कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए विभिन्न जातियों और धर्मों, खासकर मुस्लिम समुदाय के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं.

ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मैं कानून बनाने की मांग करूंगा. इसके अलावा, मुस्लिम समुदाय को शिक्षा और रोजगार में न्यायसंगत 5% आरक्षण को जल्दी लागू करने के लिए भी मैं काम करूंगा."

पार्टी की मोर्चेबंदी और संगठनात्मक कार्य

चुनावों में किसी पार्टी की सफलता में उसकी मोर्चेबंदी और संगठनात्मक कार्य की अहम भूमिका होती है।.आसिफ शेख ने कहा, "फिलहाल हमारा दायरा सिर्फ मालेगांव मध्य विधानसभा क्षेत्र तक सिमित है, हम उसी पर ध्यान दे रहे हैं. मेरे और मेरे पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह काफी मजबूत है.

चुनावी नतीजे आने के बाद हम राज्यभर में पार्टी का विस्तार करेंगे. हम आने वाले समय में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों पर भी ध्यान देंगे. इसके लिए महाराष्ट्र की जनता का आशीर्वाद बहुत महत्वपूर्ण है."
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आसिफ शेख का महत्वपूर्ण कार्य 

मालेगांव में आसिफ शेख का जनाधार काफी मजबूत है. वह मालेगांव के लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाते हैं. मालेगांव के विकास के लिए उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की मदद से अपने विधानसभा क्षेत्र में एक उर्दू घर भी बनवाया है. इसके अलावा, वह पिछले पांच सालों से गरीब बच्चों को मुफ्त किताबें वितरित कर रहे हैं ताकि चुनाव क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बढ़े। मालेगाव के विकास की दिशा में उन्होंने 25 करोड़ रुपये की लागत से एक उड्डाण पुल भी बनवाया है.

मालेगांव की चुनावी तस्वीर होने वाली है बहुरंगी 

महाराष्ट्र में लगभग 11.56% मतदाता मुस्लिम हैं. राज्य के 288 विधानसभा क्षेत्रों में 38 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. मालेगांव मध्य विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. यहाँ हमेशा मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव जीतते हैं. अब, एक और पार्टी के आने से विधानसभा चुनाव और भी रोमांचक होगा.

खुद आसिफ शेख इस चुनाव में 'इंडियन सेक्युलर पार्टी' से मालेगांव मध्य सीट पर चुनाव लड़ेंगे. यहाँ मौजूदा विधायक मौलाना मुफ्ती (एमआईएम) हैं, जबकि समाजवादी पार्टी से शान-ए-हिंद चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस से एजाज बेग भी इस सीट से उम्मीदवार हैं.

महायुती ने इस सीट से उम्मीदवार नहीं दिया है, जिससे यहां बिना महायुती के चुनाव हो रहे हैं. इस वजह से मालेगांव मध्य की विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होने जा रही है. हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इंडियन सेक्युलर पार्टी आम जनता तक कैसे पहुँचती है और क्या जनता इस पार्टी को स्वीकार करती है या नहीं.