लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. अपने भाषण के दौरान योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक आयोजनों को लेकर एक सवाल उठाया, जिस पर चर्चा शुरू हो गई. उन्होंने पूछा कि अगर हिंदू इलाकों में मुस्लिम जुलूस निकाले जा सकते हैं, तो मुस्लिम इलाकों में हिंदू जुलूस क्यों नहीं निकाले जा सकते?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष की आलोचना करते हुए उन पर सच छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने सच की तुलना सूरज से करते हुए कहा कि इसे छिपाया नहीं जा सकता. मुख्यमंत्री ने 1947 से लेकर अब तक संभल में हुए दंगों के लंबे इतिहास पर भी प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि इस इलाके में कई लोग सांप्रदायिक हिंसा के शिकार हुए हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा, ‘‘संविधान में कहां लिखा है कि मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदू जुलूस नहीं निकाला जा सकता? और जब आप इसे रोकते हैं, तो हिंदू पक्ष यह कहकर प्रतिक्रिया करता है कि ‘हम आपको भी नहीं जाने देंगे.’ मैं ऐसी हरकतों से हैरान हूं, वे कहते हैं कि वे मस्जिद के सामने से जुलूस नहीं निकलने देंगे. उन्हें ऐसा क्यों नहीं करने देना चाहिए? क्या सड़क किसी की निजी संपत्ति है? ये सार्वजनिक सड़कें हैं. आप इसे कैसे रोक सकते हैं.
योगी आदित्यनाथ ने हिंदू-मुस्लिम तनाव पर विपक्षी राजनीति को चुनौती दी, धार्मिक भेदभाव के खिलाफ अपनी सरकार के रुख की पुष्टि की और सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए. उन्होंने कहा कि लखनऊ में शिया-सुन्नी विवाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में समाप्त हुआ.
मुख्यमंत्री ने संभल में सांप्रदायिक हिंसा के लंबे इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1947 से ही यहां दंगे होते रहे हैं, जिसमें 1947 से लेकर 1996 तक कई लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि ये दंगे क्षेत्र के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करते रहे हैं.
सीएम योगी ने 1978 की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें 184 हिंदू नागरिकों को जिंदा जला दिया गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सांप्रदायिक हिंसा सिर्फ मौजूदा मुद्दा नहीं है, बल्कि एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है, जिसे हल करने के लिए सामूहिक सामाजिक प्रयास की जरूरत है.
सीएम योगी ने कहा, ‘‘समाज को बांटना नहीं, बल्कि एकता को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपकी राजनीति शुरू से ही बांटने और फिर काटने की रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने कहा, हम न बांटेंगे-न काटेंगे.’’