जिसकी नमाज में नफरत शामिल , उसकी नमाज नहीं होगी : शाही इमाम लुधियानवी

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 23-08-2022
 शाही इमाम लुधियानवी
शाही इमाम लुधियानवी

 

यूनुस अल्वी /नूंह ( हरियाणा )

मजलिस-ए-अहरार इस्लाम हिंद के अध्यक्ष एवं पंजाब के शाही इमाम मौलाना हजरत मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने कहा कि मुसलमान अपने मजहब का पालन करे. दूसरे धर्म को गलत न कहे. उन्होंने कहा जिसकी नमाज में नफरत शामिल है उसकी नमाज नहीं होती. 
 
उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि मुसलमानों को उच्च शिक्षा हासिल करनी होगी, तभी वे तरक्की कर सकते हैं. उन्हांेने कहा कि इस्लाम में सबसे पहले इक्रा यानि पढ़ो का हुक्म दिया गया है. उन्हांेने फिरकांे में बंटे मुसलमानों पर कटाक्ष करते हुए कहा फिरकों में लड़ने के बजाए शिक्षा और रोजगार पर ध्यान देना होगा. आज मुसलमानों ने रिवायतों को छोड़कर रस्मों को पकड़ लिया है.
 
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मौलाना हजरत मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने यह बातें मेवात गर्ल्स स्कूल और मेवात गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास के अवसर पर आयोजित एक समारोह मे कही. इस दौरान इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर व ऑल इंडिया जमीयत कुरैश के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी भी मौजूद थे. 
 
उन्होंने संयुक्त रूप से मेवात गर्ल्स स्कूल और मेवात गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास किया. मुख्य अतिथियों के कार्यक्रम में पहुंचने पर फूल-माला से स्वागत किया गया. कार्यक्रम में मेवात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब से कई बडे़ उलेमा और प्रमुख लोग मौजूद रहे. 
 
जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने गर्ल्स स्कूल और गर्ल्स हॉस्टल को मेवात की लड़कियों के लिए अच्छी शुुरूआत बताया. इसके आयोजकों को मुबारकबाद भी दी.
 
इस दौरान उन्होंने गुजरात की बिलकिस बानो मामले के आरोपियों को छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अगर सरकार यह समझती कि 20 साल में किसी आदमी का आचरण ठीक हो जाता है और उसे छोड़ा जा सकता है तो फिर दूसरे धर्म के लोग जो 25-30 साल से जेलों में बंद हैं. उनका अगर आचरण ठीक हो गया है, तो उन्हें भी छोड़ देना चाहिए.
 
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उन्होंने असम के दो इमामों की गिरफ्तारी पर कहा कि अगर वे गलत हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन जाति धर्म के नाम पर कार्रवाई से सरकारों को बचना होगा. उन्होंने कहा कि कई बार अदालतों के जो फैसले आते हैं उसके बाद पता चलता है कि कोई कितना दोषी है. लफ्जों की बुनियाद पर कार्रवाई न की जाए.
 
उन्होंने मौजूदा हालात पर मुसलमान को परेशान होने बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि मुसलमान अपने अच्छे आचरण से लोगों के दिलों में जगह बनाएं. इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों की मौजूदा स्थिति के लिए मुस्लिम लीडरशिप को जिम्मेदार ठहराया.
 
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मौलाना ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेवात ही नहीं देश के मुसलमानों को उच्च शिक्षा पर ध्यान देना होगा तभी कौम की तरक्की मुमकिन है. इस दौरान इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर एवं ऑल इंडिया जमीयत कुरैश के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी ने कहा कि इस्लाम धर्म में शिक्षा का हुक्म है, लेकिन शिक्षा का फायदा दूसरे समाज के लोग उठा रहे हैं.
 
उन्होंने कहा जब तक मुसलमान शिक्षा हासिल नहीं करेगा,तरक्की नहीं कर सकता. आज मुसलमान शिक्षा की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि शिक्षा हर परेशानी से निकालती है. इस मौके पर गफ्फार कुरैशी पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार, प्रोग्राम के आयोजक हैदर टांई सहित काफी संख्या में प्रमुख लोग मौजूद रहे.