पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के गांवों में क्या कनेक्शन है, प्रधानमंत्री ने खुद बताया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 10-01-2025
Narendra Modi
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ संग पहला पॉडकास्ट शो किया. इस दौरान पीएम मोदी ने निखिल कामथ के कई सवालों का भी जवाब दिया. उस खास कनेक्शन की भी बात बताई जिसका जिक्र चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किया था!

पॉडकास्ट ‘पीपल बाई डब्ल्यूटीएफ’ में पीएम मोदी ने कहा, "मैं पहली बार किसी पॉडकास्ट का हिस्सा बना हूं और मेरे लिए यह दुनिया बिल्कुल नई है."

इस पर कामथ कहते हैं कि मुझे माफ करना, मेरी हिंदी ज्यादा अच्छी नहीं है. मैं साउथ इंडियन हूं और बेंगलुरू में ही पला-बढ़ा हूं. इस पर प्रधानमंत्री हंसते हुए जवाब देते हैं कि मैं भी हिंदी भाषी नहीं हूं और हम दोनों की ऐसे ही चलेगी.

‘पीपल बाई डब्ल्यूटीएफ’ के होस्ट निखिल कामथ ने पीएम मोदी से उनके बचपन के 10 साल के बारे में सवाल पूछा. प्रधानमंत्री मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा, "सभी जानते हैं कि मेरा जन्म गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ. जब मैं छोटा था तो वहां की आबादी करीब 15 हजार के आसपास थी. मेरा गांव गायकवाड़ स्टेट था और वहां की एक खासियत थी, वहां एक तालाब, पोस्ट ऑफिस और लाइब्रेरी होती थी. मैंने वहां के प्राइमरी स्कूल से पढ़ाई की और तालाब होने की वजह से स्विमिंग करना भी सीख गया. मैं खुद ही अपने पूरे परिवार के कपड़े धोता था."

उन्होंने आगे कहा, "मैंने कहीं पढ़ा कि चीनी फिलॉस्फर ह्वेनसांग मेरे गांव में रहे. मुझे पता चला था."

पीएम मोदी ने फिर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग संग फोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद मैं प्रधानमंत्री बना तो चीन के राष्ट्रपति का फोन आया और उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दी. तब उन्होंने खुद कहा था कि मैं भारत आना चाहता हूं. इस पर मैंने उन्हें कहा कि आप बिल्कुल आइए. उन्होंने गुजरात आने की इच्छा जाहिर की और मेरे गांव वडनगर आने की बात भी कही थी."

उन्होंने आगे कहा, "इस पर मैंने उनसे पूछा कि आपने इतना कुछ तय कर लिया है तो उन्होंने बताया कि मेरा और उनका (शी जिनपिंग) एक स्पेशल नाता है और वह चीनी फिलॉस्फर ह्वेनसांग से जुड़ा है, क्योंकि वह आपके (पीएम मोदी) गांव में सबसे अधिक समय तक रहे थे और इसके बाद वह जब चीन वापस लौटे तो उनके (जिनपिंग) गांव में रहने के लिए आए थे. हम दोनों का यही कनेक्शन है."

पीएम मोदी आगे कहते हैं, "मैंने सार्वजनिक रूप से एक भाषण में कहा था कि मैं मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखूंगा. दूसरी बात यह कही थी कि मैं खुद के लिए कुछ नहीं करूंगा और तीसरा यह कहा था कि मैं मनुष्य हूं, गलती हो सकती है. बदइरादे से गलत नहीं करूंगा. इन बातों को मैंने अपने जीवन का मंत्र बनाया. गलतियां सबसे होती हैं और मुझसे भी होती हैं. मैं भी मनुष्य हूं, मैं कोई देवता नहीं हूं."