बेंगलुरु. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि पश्चिम में लंबे समय से दूसरों पर टिप्पणी करने की ‘बुरी आदत’ रही है और वह सोचता है कि उसे दूसरे देशों के आंतरिक मामलों के बारे में बोलने का ‘ईश्वर प्रदत्त अधिकार’ है.
उन्होंने यहां कब्बन पार्क में 500 से अधिक युवा मतदाताओं, जॉगर्स और आगंतुकों के साथ बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या और बेंगलुरु सेंट्रल के सांसद पीसी मोहन द्वारा आयोजित ‘मीट एंड ग्रीट’ बातचीत के दौरान यह बात कही. मंत्री संसद सदस्य के रूप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अयोग्यता पर जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका की टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
जयशंकर ने कहा, ‘‘दो कारण हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि पश्चिम की लंबे समय से दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत रही है. वे किसी तरह सोचते हैं कि यह किसी प्रकार का ईश्वर प्रदत्त अधिकार है. उन्हें अनुभव से ही सीखना होगा कि अगर आप ऐसा करते रहेंगे, तो दूसरे लोग भी कमेंट करने लगेंगे और ऐसा होने पर उन्हें अच्छा नहीं लगेगा. मैं देख रहा हूं कि ऐसा हो रहा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई का दूसरा हिस्सा यह है कि हमारे तर्कों में आप लोगों को टिप्पणी करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. फिर अधिक से अधिक लोग टिप्पणी करने के लिए ललचाते हैं. हमें दुनिया को यह कहते हुए उदार निमंत्रण देना बंद करना होगा कि भारत में समस्याएं हैं, अमेरिका और यूरोप, आप क्यों खड़े हैं और क्यों कुछ नहीं कर रहे हैं?
उन्होंने कहा, ‘‘तो अगर यहां से कोई जाता है और कहता है कि आप क्यों खड़े हैं और कुछ नहीं कह रहे हैं, तो जाहिर है कि वे टिप्पणी करेंगे. समस्या का हिस्सा वे हैं, समस्या का हिस्सा हम हैं. और मुझे लगता है कि दोनों को फिक्सिंग की जरूरत है.’’
फ्रीबी कल्चर पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग इसके मास्टर हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वे ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप मुफ्त के आधार पर देश नहीं चला सकते. कहीं न कहीं इसकी कीमत चुकानी पड़ती है. जो कोई यहां मुफ्त दे रहा है, वह कहीं और कुछ ले रहा है.’’ उन्होंने कहा कि फ्रीबी संस्कृति बेहद गैरजिम्मेदार तरीके से तेजी से लोकप्रियता हासिल करने का एक तरीका है. उन्होंने कहा कि यह टिकाऊ नहीं है. बातचीत के दौरान बेंगलुरु दक्षिण और मध्य सांसद सूर्या और मोहन मौजूद थे.