श्रीनगर
रात भर बादल छाए रहने के कारण बुधवार को श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से ऊपर चला गया, जबकि मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर में बारिश/बर्फबारी का एक और दौर आने का अनुमान लगाया है.
इस मौसम में कश्मीर में अब तक सामान्य बारिश/बर्फबारी नहीं हुई है.
सर्दियों के महीनों में होने वाली भारी बर्फबारी से पहाड़ों में बारहमासी जल भंडार भर जाते हैं. बर्फ के ये बारहमासी भंडार गर्मियों के महीनों में विभिन्न नदियों, झरनों, झरनों और तालाबों को बनाए रखते हैं.
सर्दियों में कम बर्फबारी का मतलब है कि गर्मियों के महीनों में नदियों, झरनों, झरनों, कुओं और तालाबों में पानी कम होगा.
बुधवार को मौसम विभाग के एक बयान में कहा गया, "29 जनवरी की दोपहर तक मौसम सामान्य रूप से शुष्क रहेगा, आज रात कुछ ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है.
“29 जनवरी की रात/30 जनवरी की सुबह तथा 31 जनवरी को छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी की संभावना है.
“1 और 2 फरवरी को आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे तथा छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी की संभावना है.
“मध्यम तथा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में मध्यम बर्फबारी हो सकती है. 3 फरवरी को आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे तथा छिटपुट स्थानों पर हल्की बर्फबारी की संभावना है.
“4 और 5 फरवरी को आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे तथा छिटपुट स्थानों पर हल्की बारिश/बर्फबारी की संभावना है.”
मौसम विभाग ने बुधवार को एक परामर्श भी जारी किया, जिसमें कहा गया, “29 जनवरी से कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी. पर्यटकों/यात्रियों/ट्रांसपोर्टरों को प्रशासनिक/यातायात परामर्श का पालन करने की सलाह दी जाती है.”
श्रीनगर में आज न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस, गुलमर्ग में शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे तथा पहलगाम में शून्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.
जम्मू शहर में आज न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस, कटरा में 10.3 डिग्री सेल्सियस, बटोटे में 7.7 डिग्री सेल्सियस, बनिहाल में 3.3 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में 4.5 डिग्री सेल्सियस रहा.
40 दिनों तक चलने वाली कठोर सर्दी की अवधि जिसे ‘चिल्लई कलां’ के नाम से जाना जाता है, 21 दिसंबर से शुरू हुई और 30 जनवरी को समाप्त होगी.
डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी है कि वे खुद को लंबे समय तक अत्यधिक ठंड में न रखें, क्योंकि इससे रक्त वाहिकाओं में सिकुड़न होती है.
इससे मायोकार्डियल इंफार्क्शन होता है जो दिल के दौरे और दिल की विफलता के लिए जिम्मेदार होता है.