वक्फ बोर्ड ने ऐतिहासिक स्मारकों पर ठोका दावा, एएसआई ने दी प्रतिक्रिया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-11-2024
Waqf Board staked claim on historical monuments, ASI responded
Waqf Board staked claim on historical monuments, ASI responded

 

नई दिल्ली. वक्फ बोर्ड इन दिनों चर्चा में है और वक्फ की संपत्ति को लेकर राजनीतिक गलियारों में जमकर विवाद देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में अब वक्फ बोर्ड ने विश्व विरासत घोषित हो चुके ऐतिहासिक स्मारकों पर भी अपना दावा ठोका है. वक्फ बोर्ड ने राज्य के 43 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा ठोका है. इसमें गोल गुम्बज, इब्राहिम रौजा, बारा कमान और बीदर व कलबुर्गी शामिल हैं.

इन 53 स्मारकों में से 43 विजयपुरा में हैं. विजयपुरा वक्फ बोर्ड ने 2005 में 43 स्मारकों पर अपना दावा ठोक दिया था. इन ऐतिहासिक स्मारकों का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास नहीं है.

नियमों के मुताबिक, एक बार जब किसी भी ऐतिहासिक स्मारक का मालिकाना हक एएसआई अपने अधिकार क्षेत्र में ले लेता है, तो उसे किसी को दूसरे को नहीं भेजा जा सकता है. ऐसी स्थिति में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर किस आधार पर वक्फ बोर्ड इन संपत्तियों पर अपना दावा ठोक रहा है.

एएसआई के अधिकारी के मुताबिक, "इन ऐतिहासिक स्मारकों के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है. इसके लिए सीमेंट और अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि उसकी मूल पहचान को बदला जा सके. लेकिन, एएसआई ने स्पष्ट कर दिया है कि इस छेड़छाड़ को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है."

अधिकारियों के मुताबिक, इन ऐतिहासिक स्मारकों में पंखे, एसी, ट्यूबलाइट और टॉयलेट जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, ताकि इसकी मूल पहचान को बदला जा सकें. इनमें से कुछ ऐतिहासिक स्मारकों में दुकानें भी बन चुकी है. इससे यहां आने वाले पर्यटकों को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले वक्फ बोर्ड ने किसानों की जमीन पर भी दावा ठोका था, जिसे देखते हुए किसानों ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के संबंध में बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखा था. इस पत्र में किसानों ने बैठक में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी,ताकि वो भी अपना मत खुले दिल से रख सके.