हैदराबाद. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के चेयरमैन बीआर नायडू ने सोमवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के बारे में दिए गए बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक रियल एस्टेट कंपनी है और सवाल किया कि वे इसकी तुलना तिरुमाला से कैसे कर सकते हैं.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के चेयरमैन बीआर नायडू ने सोमवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के टीटीडी के बारे में दिए गए बयान की आलोचना की और इसे निराधार बताया. नायडू ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक रियल एस्टेट कंपनी है और सवाल किया कि ओवैसी इसकी तुलना तिरुमाला जैसे प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर से कैसे कर सकते हैं.
एएनआई से बात करते हुए टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू ने कहा, ‘‘यह बयान निराधार है, वक्फ बोर्ड एक रियल एस्टेट कंपनी है... वह इसकी तुलना तिरुमाला से कैसे कर सकते हैं? तिरुमाला एक हिंदू मंदिर है. कई सालों से मांग की जा रही है कि गैर-हिंदुओं को तिरुमाला में नहीं होना चाहिए. यह मेरी निजी राय नहीं है... सनातन धर्म कहता है कि केवल हिंदुओं को ही वहां होना चाहिए. हम इस पर काम कर रहे हैं और हम पहली बोर्ड मीटिंग में फैसला करेंगे.’’
शनिवार को एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार के प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक की आलोचना की और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर सवाल उठाया. ओवैसी ने सवाल किया कि अगर मुस्लिम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के ट्रस्टी नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम कैसे हो सकता है?
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘‘टीटीडी बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी गैर-हिंदू नहीं है...टीटीडी के नए चेयरमैन का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए...हम इसके खिलाफ नहीं हैं, हमें बस इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य कर दिया गया है...आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीटीडी हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म का. समानता होनी चाहिए...जब टीटीडी के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है?’’ उनकी यह टिप्पणी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के नवनियुक्त अध्यक्ष बीआर नायडू द्वारा गुरुवार को दिए गए बयान के बाद आई है.
नायडू ने कहा कि वह तिरुमाला में काम करने वाले अन्य धर्मों के कर्मचारियों के बारे में सरकार के साथ चर्चा को प्राथमिकता देंगे और इस बात पर विचार करेंगे कि उन्हें अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाए या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाए. उन्होंने कहा, ‘‘मैं तिरुमाला में काम करने वाले अन्य धर्मों के लोगों के बारे में सरकार से पहली प्राथमिकता पर बात करूंगा कि उन्हें अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाए या उन्हें वीआरएस दिया जाए.’’
वक्फ अधिनियम, 1995, जिसे वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाया गया था, पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, जिसे इस अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और कानूनी तंत्र पेश करते हुए व्यापक सुधार लाने का प्रयास करता है.