इंफाल
मणिपुर के थौबल जिले के मुस्लिम बहुल लिलोंग इलाके में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.अधिकारियों ने बताया कि इंफाल पूर्व जिले में भी चौकसी बढ़ा दी गई है, जहां मंगलवार को खुरई खुमीदोक बाजार में कानून के विरोध में मानव शृंखला बना कर विरोध प्रदर्शन किए जाने की योजना है.
थौबल जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, “सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले, डंडे, सुरक्षा कवच (बॉडी प्रोटेक्टर) और हेलमेट जैसे दंगा रोधी उपकरणों के साथ तैनात किया जाए.”लिलोंग थाने के प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि वे संवेदनशील स्थानों पर लगातार गश्त करें और प्रमुख जगहों पर कमांडो टीमों की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करें.
इसके साथ ही स्थानीय विधायक अब्दुल नासिर के निवास पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.रविवार की रात को लिलोंग में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के मणिपुर अध्यक्ष अस्कर अली के घर को भीड़ ने वक्फ संशोधन अधिनियम का कथित रूप से समर्थन करने पर आग लगा दी थी.
इसके बाद सोमवार को जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने और हथियारों जैसे बंदूक, तलवार, डंडा, पत्थर आदि ले जाने पर रोक लगाई गई है.
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार रविवार रात करीब 7,000 से 8,000 लोगों की भीड़ लाठियों और पत्थरों से लैस होकर अस्कर अली के घर पहुंची और उसे आग के हवाले कर दिया.अली ने शनिवार को सोशल मीडिया पर वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के समर्थन में बयान दिया था. हालांकि रविवार की घटना के बाद उन्होंने माफी मांगी और कानून की निंदा की.
पुलिस ने बताया कि इंफाल घाटी के कई हिस्सों में भी रविवार को वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन हुए. लिलोंग में राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर लगभग 5,000 से अधिक लोगों की रैली के कारण यातायात प्रभावित हुआ, जबकि कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुईं.
वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा ने बृहस्पतिवार को और राज्यसभा ने शुक्रवार तड़के लंबी बहस के बाद पारित किया था.इस कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना, विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना है.
इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करने, वक्फ बोर्ड और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय बढ़ाने तथा हितधारकों के अधिकारों की सुरक्षा जैसी व्यवस्था की गई हैं.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी थी.