वाराणसी. औरंगजेब को लेकर देश भर में विवाद चल रहा है. इस बीच, वाराणसी नगर निगम बड़ी तैयारियां कर रहा है. भाजपा पार्षदों ने वाराणसी नगर निगम प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है कि मुस्लिम नाम वाले इलाकों का नाम बदलकर हिंदू धर्म से जुड़े इलाकों में रखा जाए. इस संबंध में कई हिंदू संगठनों और तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने भी काशी के मुस्लिम इलाकों के नाम बदलने की मांग की थी.
नगर निगम की आगामी कार्यकारिणी बैठक में कई विषयों पर चर्चा होनी है. इस बैठक में क्षेत्रों के नाम बदलने पर भी चर्चा होगी. जानकारी के अनुसार, बिंदु संख्या 5 के 8वें कॉलम में वाराणसी शहर के भीतर स्थित क्षेत्र का नाम बदला जा सकता है. रामभद्राचार्य ने 24 मार्च को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान नाम बदलने की वकालत की थी. उनसे पूछा गया था कि काशी में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जिनका नाम मुगल आक्रमणकारियों के नाम पर रखा गया है. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे सभी नाम बदलने होंगे.
इस कार्य के लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्वानों को नियुक्त किया गया है. जिन्हें पौराणिक मान्यताओं के आधार पर क्षेत्रों के लिए नए नाम तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस क्षेत्र का नाम वहां निवास करने वाले पौराणिक देवी-देवताओं के नाम पर रखा जाएगा. इस मसौदे के अनुसार, खालिसपुरा का नाम बदलकर ब्रह्मतीर्थ, मदनपुरा का नाम बदलकर पुष्पदंतेश्वर और औरंगाबाद का नाम बदलकर परशुराम चौक किया जाना है.