घरेलू मांग की मजबूती के कारण भारत पर अमेरिकी टैरिफ का असर रहेगा कम : मॉर्गन स्टेनली

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-03-2025
US tariffs will have less impact on India due to strong domestic demand: Morgan Stanley
US tariffs will have less impact on India due to strong domestic demand: Morgan Stanley

 

नई दिल्ली. अमेरिकी ट्रेड टैरिफ को लेकर घरेलू मांग की मजबूती के कारण भारत और जापान सबसे कम प्रभावित अर्थव्यवस्थाएं हैं. शुक्रवार को जारी मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.

जीडीपी में माल निर्यात का अनुपात सबसे महत्वपूर्ण मीट्रिक है; यह अर्थव्यवस्थाओं के व्यापार की सीमा निर्धारित करता है. इससे वैश्विक शोध फर्मों को यह आकलन करने में मदद मिलती है कि किस अर्थव्यवस्था को विकास को लेकर अधिक नकारात्मक दबाव का सामना करना पड़ेगा.

अमेरिका ने ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ भी लागू किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटो और ऑटो पार्ट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने से जापान और कोरिया सबसे अधिक प्रभावित होंगे, क्योंकि दोनों ही देश का अमेरिका को ऑटो निर्यात उनके कुल निर्यात का 7 प्रतिशत है.

अमेरिकी प्रशासन 2 अप्रैल को व्यापार संबंधों में रेसिप्रोसिटी के लिए एक योजना प्रस्तावित कर सकता है. अमेरिकी प्रशासन यह भी संकेत दे रहा है कि वह ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, कृषि, तांबा और लकड़ी पर क्षेत्रीय शुल्क लगाएगा.

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि "रेसिप्रोकल टैरिफ एशिया में लगभग सभी अर्थव्यवस्थाओं को या तो सीधे या अर्थव्यवस्था-विशिष्ट शुल्कों या क्षेत्रीय शुल्कों के माध्यम से प्रभावित करेगा. लेकिन हमारी मुख्य चिंता यह है कि नीति अनिश्चितता के उच्च स्तर 'पूंजीगत व्यय' और 'व्यापार' पर भार डालते हैं, जिससे व्यापार चक्र को नुकसान पहुंचता है."

अमेरिका 245 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर यात्री वाहनों, माल परिवहन के लिए वाहनों और ऑटो पार्ट्स (ईवी बैटरी सहित) में एक उचित रूप से बड़ा संयुक्त घाटा चलाता है.

इस घाटे में, एशिया का हिस्सा 115 बिलियन अमेरिका डॉलर या 47 प्रतिशत है. एशिया के भीतर, जापान, कोरिया और चीन तीन अर्थव्यवस्थाएं इस घाटे का बड़ा हिस्सा बनाते हैं. तीन अर्थव्यवस्थाएं शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं जिनके साथ अमेरिका सबसे बड़ा ऑटो घाटा चलाता है.

रिपोर्ट में कहा गया है, "जापान और कोरिया के लिए, घाटे का बड़ा हिस्सा वाहनों और गैर-बैटरी ऑटो पार्ट्स से जुड़ा है. चीन के लिए, घाटे का बड़ा हिस्सा ईवी बैटरी से आता है."

जापान के मुख्य अर्थशास्त्री ताकेशी यामागुची ने कहा कि अगर 25 प्रतिशत ऑटो टैरिफ लंबे समय तक लागू रहता है और अमेरिका को ऑटो निर्यात में 15-30 प्रतिशत की कमी आती है तो इसका जापान की जीडीपी वृद्धि पर 0.2-0.3 प्रतिशत अंकों का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.