संभल
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है और 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी है.यह आदेश उस हिंसा के बाद लिया गया, जिसमें तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.यह हिंसा उस समय भड़की जब कुछ प्रदर्शनकारी मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध कर रहे थे.
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने रविवार रात को बताया कि यह आदेश भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जारी किया गया है.निषेधाज्ञा के तहत कहा गया है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को जिले में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.आदेश का उल्लंघन बीएनएस की धारा 223 के तहत दंडनीय होगा.
पुलिस उप महानिरीक्षक (मुरादाबाद) मुनिराज ने सोमवार को कहा कि रविवार की हिंसा में मारे गए तीन लोग नईम, बिलाल और नौमान की उम्र करीब 25 वर्ष थी और उन्हें दफना दिया गया है.उन्होंने कहा कि उपलब्ध वीडियो के आधार पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.स्थिति नियंत्रण में है और शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.
रविवार को हिंसा तब भड़की जब जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई.प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया, जबकि सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया.संभल जिले के पुलिस अधीक्षक के पीआरओ को गोली लगी, जबकि सर्किल अधिकारी और कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.एक कांस्टेबल को सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि डिप्टी कलेक्टर के पैर में फ्रैक्चर हो गया.
अब तक 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनकी जांच की जा रही है.हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.जिला मजिस्ट्रेट पेंसिया ने बताया कि मृतकों में से दो की मौत देशी पिस्तौल से गोली लगने से हुई है, जबकि तीसरे की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा.
संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं 24 घंटे के लिए निलंबित कर दी गई हैं और सभी स्कूलों में सोमवार को छुट्टी घोषित कर दी गई.19 नवंबर से ही जिले में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण शुरू हुआ.याचिका में यह दावा किया गया था कि इस स्थल पर पहले हरिहर मंदिर था.
रविवार को सर्वेक्षण दल के काम के दौरान मस्जिद के पास भारी संख्या में लोग एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन किया.इस सर्वेक्षण के दौरान स्थिति बिगड़ी, जिसके कारण रविवार को इसका काम पूरा नहीं हो सका.