लखनऊ. अपनी ‘मुस्लिम विरोधी’ छवि को तोड़ने की कोशिश के तहत उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने 395 मुसलमानों को टिकट दिया था, जिसमें करीब 45 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. भाजपा इसे लेकर उत्साहित है और उसका मानना है कि पार्टी के प्रति मुसलमानों के बदलते रुझान का असर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि पार्टी ने कुल 395 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उनमें से करीब 45 प्रत्याशी चुनाव जीते भी हैं. उन्होंने बताया कि गोरखपुर नगर निगम से भाजपा पार्षद प्रत्याशी हकीकुन्निसां ने चुनाव में परचम लहराया है. अमेठी से वार्ड पार्षद के लिए भाजपा की टिकट पर जेबा खातून भी जीती हैं. हरदोई, सहारनपुर, संभल, बरेली और मुरादाबाद समेत कई जिलों में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे मुस्लिम प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है.
बासित अली ने दावा किया कि मुस्लिम समाज ने भाजपा पर बड़ा भरोसा जताकर यह दिखा दिया है कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र पर चलने वाली पार्टी है और मुस्लिम समाज किसी का बंधुआ मजदूर नहीं है. यही कारण है कि मुसलमानों ने सपा, बसपा और कांग्रेस को नकारते हुए इस बार भाजपा पर बड़ा भरोसा जताया है. यह आने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा.
बासित अली कहा कि अगर मुसलमान बाहुल सीटों पर भी भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है. यह दिखाता है कि अल्पसंख्यकों के मन में भाजपा को लेकर तमाम आशंकाएं समाप्त हो गई हैं. अब वे अपने विकास के लिए भाजपा को वोट दे रहे हैं और भाजपा के प्रति उसके मन में अफवाह फैलाने वालों की राजनीतिक दुकान बंद हो गई है.
मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए उत्तर प्रदेश की एकमात्र मुस्लिम मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी में कहा कि भाजपा ने सही मायने में अल्पसंख्यकों के शैक्षिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए काम किया है. पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत से यह जाहिर हो गया है कि मुसलमानों के बीच भाजपा को लेकर गलतफहमी के बादल छंट गए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे हमारे लिए बहुत अच्छे रहे हैं और जिन मुस्लिम इलाकों में हमारे उम्मीदवार नहीं जीते, पर वहां से दूसरे स्थान पर रहे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी तीसरे या चौथे स्थान पर पहुंच गई है. इससे जाहिर होता है कि मुसलमानों का वोट धीरे-धीरे बीजेपी की तरफ जा रहा है.
अंसारी ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा जैसे दलों ने जनता के मन में भाजपा के प्रति तमाम तरह की शंकाएं पैदा की थीं, लेकिन मुसलमानों ने 2014 से लेकर अब तक यही देखा कि उसके साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है, बल्कि सभी कल्याणकारी योजनाओं में वे आबादी में अपने अनुपात से ज्यादा हिस्सा पा रहे हैं. यही कारण है कि उनके मन में भाजपा को लेकर फैलाए गए सभी भ्रम समाप्त हो गए और यह परिणाम देखने को मिला.