यूपी सरकार का 'भागीदारी मॉडल' बना मिसाल, समाज की मुख्यधारा से जुड़े हर तबके को मिल रहा अवसर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 10-02-2025
UP government's 'bhagidari model' sets an example, every section of society connected to the mainstream is getting opportunity
UP government's 'bhagidari model' sets an example, every section of society connected to the mainstream is getting opportunity

 

लखनऊ
 
उत्तर प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके उत्थान के लिए लगातार नए कदम उठा रही है. इसी कड़ी में समाज कल्याण विभाग और मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट के सहयोग से लखनऊ में संपन्न हुए दो दिवसीय ‘भागीदारी साहित्य उत्सव’ का आयोजन वंचित समाज के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा. 
 
इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्गों के अधिकारों, उनकी भागीदारी और समावेशी विकास को बढ़ावा देना था. कार्यक्रम में प्रतिष्ठित साहित्यकारों, समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों के गणमान्यों ने हिस्सा लिया और साहित्य, कला और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन पर मंथन किया.
 
उत्सव में ‘वंचित वर्ग की बुलंद आवाज’ विषय पर आयोजित चर्चा में समाज के वंचित तबके से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. दलित साहित्य पर केंद्रित सत्रों में साहित्यकारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'भागीदारी मॉडल' की तारीफ करते हुए दलित साहित्य की प्रासंगिकता और इसके सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की. इस दौरान कई पुस्तकों पर विमर्श किया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि साहित्य केवल अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी सशक्त उपकरण है.
 
प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण की योजनाओं को रेखांकित करते हुए समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा, "डबल इंजन की सरकार समाज के हर वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योगी सरकार लगातार उन समुदायों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है, जो लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े रहे हैं.
 
उत्सव में भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित एक नुक्कड़ नाटक 'आदिवासी समाज के संघर्ष और योगदान' को प्रभावी ढंग से लोगों के बीच रखा गया. इसके अलावा, झुग्गी बस्तियों के युवाओं के 'इनोवेशन फॉर चेंज' (आईएफसी) के समन्वय में आयोजित रैंप वॉक कार्यक्रम भी चर्चा का विषय बना, जिसमें रैंपर्स ने अपनी प्रस्तुति से सभी अतिथियों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. योगी सरकार द्वारा वंचित वर्गों को मिले इस बड़े मंच ने समाज में भागीदारी का एक मॉडल प्रस्तुत किया.
 
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए उनके साहित्य, शिक्षा और कला को एक मंच प्रदान करना था. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस बात पर जोर दिया कि साहित्यिक विमर्श के माध्यम से आर्थिक विकास के समाधान खोजे जा सकते हैं. योगी सरकार वंचित समुदायों के लिए न केवल योजनाएं बना रही है, बल्कि उन्हें जागरूक करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम भी उठा रही है.
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में समाज कल्याण विभाग का यह प्रयास उत्तर प्रदेश में वंचित तबके को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. ‘भागीदारी साहित्य उत्सव’ न केवल साहित्यिक विचारों का मंच बना, बल्कि यह सामाजिक बदलाव के लिए भी प्रेरणा स्रोत साबित हुआ है.