यूपी: सीएम योगी ने श्री गुरू ग्रंथ साहब को सिर पर उठाया, साहिबजादों को श्रद्धांजलि दी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-12-2024
UP: CM Yogi keep Sri Guru Granth Sahib on head, pays tribute to Sahibzadas
UP: CM Yogi keep Sri Guru Granth Sahib on head, pays tribute to Sahibzadas

 

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को सम्मानित करने के लिए आयोजित वीर बल दिवस कार्यक्रम में अतिथियों और उपस्थित लोगों का स्वागत किया. इससे पहले सीएम योगी ने, परंपरा के अनुसार, श्री गुरू ग्रंथ साहब को सिर पर रखकर आगवानी की और उन्हें आसन प्रदान किया. आदित्यनाथ ने देश के इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में उनकी शहादत पर प्रकाश डाला और धर्म और देश की रक्षा के लिए उनके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा की.

मुख्यमंत्री आवास पर बोलते हुए, आदित्यनाथ ने साहिबजादों की शहादत को याद किया, उस क्षण पर जोर देते हुए जब उन्हें वजीर खान ने जिंदा ईंटों से चिनवा दिया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका बलिदान भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करता है. सीएम ने आगे उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश सरकार उनके योगदान को याद करने के लिए सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर रही है.

सीएम आदित्यनाथ ने गुरु अर्जुन देव जी और गुरु तेग बहादुर जी सहित सिख गुरुओं के बलिदान पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत ने भारत के लिए कश्मीर के ऐतिहासिक महत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा, उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की छोटी उम्र पर विचार किया, जो शहीद होने के समय केवल 7 और 9 वर्ष के थे - जो उनके असाधारण संकल्प का प्रमाण है.

सीएम आदित्यनाथ ने काबुल में घटती सिख आबादी पर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘‘अब काबुल में केवल 2-4 परिवार ही बचे हैं. जब हम बांग्लादेश और पाकिस्तान के बारे में सुनते हैं, तो हमारा दिल परेशान हो जाता है. चाहे हम हिंदू हों या सिख, हमें जो आदर्श मिले हैं, वे हमें आगे बढ़ने की नई ऊर्जा देंगे और जब हम इस ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे, तो हम काबुल और बांग्लादेश से बच पाएंगे और अपने दोस्तों और दुश्मनों को पहचानने की ताकत पाएंगे.’’

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘सिख भारतीय सेना में जाते थे और सीमा की सुरक्षा करते थे. वे कौन हैं, जो हमारे युवाओं को नशे की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं? हमें अपने दुश्मनों की पहचान करनी होगी.’’

अपने भाषण में आदित्यनाथ ने महाराजा रणजीत सिंह जी के योगदान पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि काशी विश्वनाथ मंदिर को सोना चढ़ाना, जो हमें प्रेरित करता रहता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं वीर बाल दिवस मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डबल इंजन वाली सरकार लोगों के साथ एकजुट है.

उन्होंने चार साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान को भी सलाम किया, जिन्होंने अद्वितीय वीरता का उदाहरण दिया. आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए गुरु गोविंद सिंह जी के प्रयासों ने दर्शकों को लंगर की समावेशिता की याद दिला दी, जहां सभी एक साथ बराबरी से बैठते हैं.’’