अमेठी. जनपद के एक छोटे से गांव पुरे अलाउद्दीन में एक मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी की शादी के लिए ऐसा अनोखा कार्ड छपवाया, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया. इस कार्ड की सबसे खास बात यह है कि इसमें हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें छपी हुई हैं. जैसे ही यह कार्ड लोगों के सामने आया, हर कोई इसे देख कर हैरान रह गया.
टीवी9 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस शादी का कार्ड देखकर लोग हैरान थे, क्योंकि इसमें मुस्लिम परिवार के नामों के साथ-साथ भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की तस्वीरें छपी हुई थीं. कार्ड पर शादी की तारीख 8 नवंबर और पता पुरे अलाउद्दीन गांव, राजा फत्तेपुर का दिया गया है. यह अनोखा कदम समाज में भाईचारे और एकता का संदेश दे रहा है.
शब्बीर ‘टाइगर' ने बताई वजह
इस अनोखे कार्ड को लेकर जब दुल्हन साइमा बानो के पिता शब्बीर उर्फ ‘टाइगर’ से पूछा गया, तो उन्होंने बताया, ‘‘मेरी बेटी की शादी इरफान, जो कि रायबरेली के सेनपुर गांव के निवासी हैं, से तय थी. मैंने हिंदू भाइयों को शादी में आमंत्रित करने के लिए यह कार्ड हिंदू परंपरा के अनुसार छपवाया है.’’
शब्बीर ने बताया कि उनकी बेटी की शादी में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग शामिल होंगे. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘राजापुर और फत्तेपुर गांव में मेरे कई हिंदू भाई रहते हैं. उन्हें शादी में बुलाने के लिए मैंने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार कार्ड बनवाया है. इसके साथ ही मुस्लिम रिश्तेदारों के लिए उर्दू में कार्ड छपवाए गए हैं, क्योंकि हिंदू भाई उन कार्डों को नहीं पढ़ सकते. इसीलिए हमने उनकी सहूलियत के लिए ऐसा कदम उठाया.’’
भोज में भी दिखी सांप्रदायिक एकता की झलक
शब्बीर ने बताया कि शादी से एक दिन पहले हिंदू भाइयों के लिए विशेष ‘प्रीति भोज’ का आयोजन किया गया है. यह भोज उनके लिए है, जो परिवार का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन जिन्हें वह अपने भाई की तरह मानते हैं.
सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
यह अनोखा कदम न केवल एक शादी का आमंत्रण है, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश भी है. जैसे ही यह कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, यह चर्चा का विषय बन गया. लोगों ने इसे समाज में बढ़ते भेदभाव को कम करने और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की दिशा में एक शानदार प्रयास बताया.
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
कार्ड पर छपे भगवान गणेश और श्रीकृष्ण की तस्वीरों ने हिंदू भाइयों को शादी में शामिल होने का विशेष संदेश दिया. शब्बीर ने कहा, ‘‘हमने यह कदम इसलिए उठाया ताकि हमारे हिंदू भाइयों को ऐसा महसूस हो कि वे हमारे परिवार का हिस्सा हैं.’’
सोशल मीडिया पर मिली सराहना
यह कार्ड जैसे ही सोशल मीडिया पर आया, लोगों ने इसे खूब सराहा. इस अनोखे कदम को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक मानते हुए लोगों ने इसे दूसरों के लिए प्रेरणा बताया.
धर्मों के बीच पुल का काम
शब्बीर ने अपने इस कदम से यह साबित किया कि धर्म किसी दीवार को खड़ा करने के लिए नहीं, बल्कि पुल बनाने के लिए होना चाहिए. उनकी इस पहल ने समाज में एक नई मिसाल कायम की है.
एकता की सीख
शब्बीर के इस प्रयास ने यह दिखाया कि छोटी-छोटी कोशिशें समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं. उनके इस कदम ने न केवल उनके गांव बल्कि पूरे देश में एकता और भाईचारे का संदेश फैलाया है. यह कहानी सिर्फ एक शादी की नहीं है, बल्कि यह उस सोच की भी है जो समाज में सद्भावना और भाईचारे को बढ़ावा देती है.