नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’के 100वें एपिसोड में यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले के साथ बातचीत की. यूनेस्को के महानिदेशक ने ‘मन की बात’के 100वें एपिसोड की शानदार यात्रा के लिए न सिर्फ देशवासियों को बधाई दी, बल्कि भारत में शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण पर सवाल भी पूछे.
पीएम मोदी ने अपने 100वें मन की बात संबोधन के दौरान कहा, ‘‘मुझे ऑड्रे अजोले, डीजी, यूनेस्को से ‘मन की बात’के बारे में एक और विशेष संदेश मिला है. उन्होंने 100वें एपिसोड की इस शानदार यात्रा के लिए सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.’’
ऑड्रे अजोले एक फ्रांसीसी सिविल सेवक और राजनीतिज्ञ हैं, जो 2017 से संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के महानिदेशक के रूप में सेवा कर रही हैं, जो संगठन की दूसरी महिला नेता बन गई हैं.
आज अपने रेडियो प्रसारण में पीएम मोदी से बात करते हुए, यूनेस्को प्रमुख ने कहा, ‘‘प्रिय प्रधानमंत्री, यूनेस्को की ओर से, मैं मन की बात रेडियो प्रसारण के सौवें एपिसोड का हिस्सा बनने के इस अवसर के लिए आपको धन्यवाद देती हूं. यूनेस्को और भारत के पास एक लंबा सामान्य इतिहास है. हमारे जनादेश शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और सूचना के सभी क्षेत्रों में हमारी एक साथ बहुत मजबूत भागीदारी है.’’
उन्होंने भारत की चल रही जी20 अध्यक्षता के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण पर पीएम मोदी से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने कहा, ‘‘यूनेस्को अपने सदस्य राज्यों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि दुनिया में सबसे बड़ी आबादी के साथ, दुनिया में हर किसी के पास 2030 तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच हो. क्या आप कृपया इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भारतीय तरीके की व्याख्या कर सकते हैं?’’ यूनेस्को संस्कृति का समर्थन करने और विरासत की रक्षा करने के लिए भी काम करता है.
पीएम मोदी ने रेडियो प्रसारण के 100वें एपिसोड में भाग लेने के लिए यूनेस्को प्रमुख को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया.
उन्होंने आगे कहा कि मन की बात कई जन आंदोलनों को प्रज्वलित करने में एक उत्प्रेरक रही है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एनईपी हो या क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन का विकल्प, गुणोत्सव और शाला प्रवेशोत्सव जैसी कई पहलों पर प्रकाश डाला गया. उन्होंने कहा, ‘‘मन की बात एक ऐसा कार्यक्रम है जो प्रत्येक नागरिक को दूसरों को प्रेरित करने की अनुमति देता है. यह सकारात्मकता हमारे देश को आजादी का अमृत महोत्सव में आगे बढ़ाएगी.’’
मोदी ने कहा कि ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान हो, खादी के प्रति प्रेम हो, प्रकृति से जुड़ी चिंताएं हों, आजादी का अमृत महोत्सव हो या अमृत सरोवर, मन की बात जिस भी मुद्दे से जुड़ी हो, इसने एक जन आंदोलन को प्रज्वलित किया है.’’
रविवार को प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’के ऐतिहासिक 100वें एपिसोड से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से सुबह 11.00 बजे लाइव जुड़ने की अपील की और कहा कि उनके रेडियो मासिक कार्यक्रम की यात्रा जिसमें वह आम लोगों को संबोधित करते हैं ‘वास्तव में विशेष’रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान देश के लोगों की ‘सामूहिक भावना’का जश्न मनाया गया. इससे पहले आज, विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को न्यू जर्सी में ‘मन की बात’के 100वें एपिसोड को सुनने के लिए भारतीय प्रवासी के साथ शामिल हुए.
पीएम मोदी के मन की बात के प्रसारण से पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी लंदन में प्रवासी भारतीयों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने विदेशों में भारतीय प्रवासियों का सम्मान बढ़ाया है.
मंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया बड़ी आशा और अपेक्षा के साथ भारतीय प्रवासियों की ओर देख रही है और यह उचित समय है कि वे भी इस अवसर पर आगे आएं और ‘की थीम’की सच्ची भावना में संपूर्ण मानव जाति के कल्याण में योगदान दें. वसुधैव कुटुम्बकम जैसा कि भारत के जी 20 राष्ट्रपति पद के दौरान पीएम मोदी द्वारा दिया गया था.’’
पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ने आज अपना 100वां एपिसोड पूरा किया, जो सुबह 11 बजे प्रसारित हुआ और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सहित देश भर में और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसका सीधा प्रसारण किया गया. मन की बात हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित की जाती है.
3 अक्टूबर 2014 को शुरू हुए इस कार्यक्रम ने सामुदायिक कार्रवाई को प्रेरित किया है और सरकार के नागरिक आउटरीच कार्यक्रम का एक अनिवार्य सिद्धांत बन गया है, जो महिलाओं, युवाओं और किसानों सहित विभिन्न सामाजिक समूहों को लक्षित करता है.
मन की बात का लोगों के जीवन पर प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया गया. अध्ययन से पता चला है कि 100 करोड़ से अधिक लोग कम से कम एक बार मन की बात से जुड़े हैं, यह सीधे लोगों से बात करता है, जमीनी स्तर के परिवर्तनकर्ताओं और लोगों की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और लोगों को सकारात्मक कार्यों के प्रति प्रभावित करता है.
22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, मन की बात फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली सहित 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है. मन की बात का प्रसारण 500 से अधिक अखिल भारतीय रेडियो प्रसारण केंद्रों द्वारा किया जा रहा है.