पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा मिला, हुए बड़े-बड़े काम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 31-12-2024
Under the leadership of PM Modi, indigenous technology got a boost, big works were done
Under the leadership of PM Modi, indigenous technology got a boost, big works were done

 

नई दिल्ली
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के लिए साल 2024 उपलब्धियों से भरा रहा. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वदेशी तकनीक सहित कई अन्य क्षेत्रों में विलक्षण काम कर पूरी दुनिया तक यह संदेश पहुंचाया कि हम किसी भी क्षेत्र में दुनिया के किसी भी देश से कम नहीं है.   
 
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को सितंबर 2024 में अपनी पहली ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन मिली है, जो 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत बनाई गई है. यह एक बड़ा कदम है और मेट्रो की तकनीकी उन्नति को दर्शाता है. इस ड्राइवरलेस ट्रेन में अत्याधुनिक स्वचालन और सुरक्षा प्रणालियां हैं, जो मेट्रो के संचालन को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाती हैं. इससे मेट्रो सेवाओं का संचालन और भी बेहतर और निर्बाध होगा.
 
भारत की पहली वंदे मेट्रो, जो कम दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन की गई एक नई शहरी ट्रांसपोर्ट प्रणाली है. सितंबर 2024 में अहमदाबाद में लॉन्च की गई. इस मेट्रो को "नमो भारत रैपिड रेल" नाम दिया गया है और यह अहमदाबाद और भुज के बीच चलेगी. यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें भारत के बुनियादी ढांचे को टिकाऊ और सुलभ बनाना और उसे आधुनिक बनाना शामिल है.
 
अक्टूबर 2024 में भारतीय नौसेना ने बहुउद्देश्यीय पोत (एमपीवी) परियोजना के तहत पहला पोत "समर्थक" लॉन्च किया. यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत के स्वदेशी जहाज निर्माण में प्रगति को दर्शाता है. इस कार्यक्रम के जरिए भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल को भी बल मिलता है.
 
भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज तमिलनाडु के रामेश्वरम में बने नए पम्बन ब्रिज के रूप में सामने आया है. इस पुल का सफल परीक्षण नवंबर 2024 में पूरा हुआ. यह पुल 105 साल पुराने पुराने और जंग खाए पुल की जगह लेगा, जो अब बंद हो चुका है. यह पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो नवाचार और लचीलेपन को दर्शाता है. यह बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की प्रगति को दिखाता है और क्षेत्र में पर्यटन और तीर्थयात्रा को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
 
नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने ग्वालियर में 100 टन प्रति दिन (टीपीडी) मवेशियों के गोबर से संपीड़ित बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्र का उद्घाटन किया. यह संयंत्र "अपशिष्ट से धन" पहल के तहत स्थापित किया गया है और भारत के सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस अत्याधुनिक संयंत्र को एक आत्मनिर्भर, आधुनिक गौशाला में स्थापित किया गया है और यह भारत में अपनी तरह का पहला संयंत्र है. यह संयंत्र मवेशियों के गोबर का उपयोग कर स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करता है, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है.
 
वहीं, जनवरी 2024 में हिम तेंदुओं पर पहली बार किया गया सर्वेक्षण पूरा हुआ, जिसमें जंगली में 718 हिम तेंदुओं की अनुमानित आबादी का पता चला. यह सफलता चार साल की कड़ी मेहनत के बाद मिली है. यह सर्वेक्षण दुनिया की सबसे रहस्यमयी और लुप्तप्राय बड़ी बिल्लियों में से एक, हिम तेंदुए को समझने और उसकी रक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
 
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व विकास हुआ है, जिससे क्षेत्र के दूरदराज के इलाकों में भी बदलाव आ रहे हैं. जनवरी 2024 में, जम्मू और कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास स्थित दो गांवों में पहली बार बिजली पहुंचाई गई. यह घटना भारत की आज़ादी के 75 वर्षों में हुई और इन गांवों में विद्युत सेवा मिलने से वहां के लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा.
 
नवंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के छुटवाही गांव को पहली बार बिजली कनेक्टिविटी मिली. यह गांव पहले सड़क मार्ग से दुर्गम था और माओवादियों के नियंत्रण में था.
 
2024 में भारत ने अपने पहले स्वदेशी एंटीबायोटिक "नेफिथ्रोमाइसिन" बनाई, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है. यह एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों के इलाज में उपयोगी है और एज़िथ्रोमाइसिन से दस गुना अधिक प्रभावी है. इसके अलावा, यह केवल तीन दिन के इलाज से अभूतपूर्व परिणाम देता है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के कारण भारत ने यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है, जो स्वास्थ्य देखभाल में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.