यूएई: बच्चे की हत्या में भारतीय महिला शहजादी खान को फांसी दी, विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-03-2025
 Shahzadi Khan
Shahzadi Khan

 

नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार, 1 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि यूएई में कथित तौर पर एक बच्चे की हत्या के लिए मौत की सजा पाने वाली उत्तर प्रदेश की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई.

उसके पिता शब्बीर खान ने 1 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें विदेश मंत्रालय और अन्य अधिकारियों को उसकी कानूनी स्थिति और भलाई का पता लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि अधिकारियों ने हर संभव सहायता प्रदान की है और पुष्टि की है कि उनका अंतिम संस्कार 5 मार्च को किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की निवासी शहजादी खान को चार महीने के बच्चे की हत्या का दोषी ठहराया गया था और उसे अबू धाबी की अल बटवा जेल में कैद किया गया था. उसके पिता शब्बीर खान ने कहा कि उसे गलत तरीके से फंसाया गया है.

शब्बीर के अनुसार, उनकी बेटी को बचपन में चेहरे पर जलन हुई थी और उसने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ‘रोटी बैंक ऑफ बांदा’ संगठन के साथ काम किया था. 2021 में, उसने फेसबुक पर आगरा निवासी उजैर से दोस्ती की. उजैर ने कथित तौर पर उसे इलाज कराने के बहाने दुबई जाने के लिए राजी किया. वहां पहुंचने के बाद, उसे कथित तौर पर उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया, जिसमें उसके चाचा फैज, चाची नाजिया और नाजिया की सास अंजुम सहाना बेगम शामिल थीं.

शब्बीर ने आरोप लगाया कि नाजिया ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी चार महीने और 21 दिन की उम्र में मौत हो गई, जिसके बाद शहजादी पर शिशु की हत्या का आरोप लगाया गया. उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी को वास्तविक अपराधियों को बचाने के लिए ष्फंसाया गया और झूठे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गयाष्.

2024 में, शब्बीर खान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था. हालाँकि, कोई क्षमा नहीं दी गई.

शहजादी को अल बटवा जेल में रखा गया और 20 सितंबर 2024 के बाद कभी भी उसे फांसी दी जा सकती है. उसके परिवार के अंतिम प्रयासों के बावजूद, 15 फरवरी को उसकी सजा पर अमल किया गया.