पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी की हाईलेवल बैठक में 5 कड़े फैसले, पाकिस्तान पर कूटनीतिक चोट

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-04-2025
5 tough decisions taken in the high level meeting of Prime Minister Modi after the Pahalgam terrorist attack, diplomatic blow to Pakistan
5 tough decisions taken in the high level meeting of Prime Minister Modi after the Pahalgam terrorist attack, diplomatic blow to Pakistan

 

नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी हिस्सा लिया। बैठक में जम्मू-कश्मीर की ताजा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के साथ-साथ पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा हुई। बैठक के बाद भारत सरकार ने कड़े कदमों की घोषणा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा, “पहलगाम हमले के मद्देनजर, दिल्ली में CCS बैठक की अध्यक्षता की। निर्दोष लोगों की जान जाना बेहद दुखद है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में छोड़ दी और बुधवार सुबह विशेष विमान से नई दिल्ली लौट आए।

राजनाथ सिंह का बयान: दोषियों को मिलेगा "जोरदार और स्पष्ट जवाब"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “पहलगाम का यह कायरतापूर्ण कृत्य बेहद निंदनीय है। भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम केवल हमलावरों तक ही नहीं, बल्कि पर्दे के पीछे बैठे साजिशकर्ताओं तक भी पहुंचेंगे।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का जवाब "जोरदार और स्पष्ट" होगा।

भारत सरकार के पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले

  1. सिंधु जल संधि स्थगित
    भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को "विश्वसनीय और स्थायी रूप से" समर्थन देना बंद नहीं कर देता।

  2. अटारी एकीकृत चेक पोस्ट बंद
    पंजाब के अटारी बार्डर पर स्थित एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। केवल वे लोग जो वैध अनुमति के साथ पहले ही भारत में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उसी मार्ग से वापस लौटने की अनुमति दी गई है।

  3. पाकिस्तानी नागरिकों का एसवीईएस वीजा रद्द
    सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को रद्द घोषित किया गया है। ऐसे नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। भविष्य में किसी पाकिस्तानी नागरिक को SVES वीजा नहीं दिया जाएगा।

  4. पाक उच्चायोग के सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया गया
    नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। भारत ने इस्लामाबाद में मौजूद अपने सैन्य सलाहकारों को भी तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया है।

  5. उच्चायोगों की संख्या में कटौती
    भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जा रहा है। यह प्रक्रिया 1 मई 2025 तक पूरी की जाएगी।

भारत की सख्त चेतावनी

इन फैसलों के ज़रिए भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अब पाकिस्तान के साथ सामान्य कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को सीमापार आतंकवाद की समाप्ति से जोड़ेगा। पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार की यह कार्रवाई न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रतीक है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की कूटनीतिक आक्रामकता भी दर्शाती है।

अब निगाहें इस बात पर हैं कि पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या होती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के इन कदमों को किस तरह देखता है।