आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
14 मार्च को होली के त्यौहार से पहले, उत्तर प्रदेश भर की मस्जिदों को त्यौहार और नमाज़ दोनों को सुचारू रूप से मनाने के लिए जुमे की नमाज़ के समय को स्थगित करने की सलाह दी गई है.
लखनऊ की जामा मस्जिद ईदगाह में अब होली के दिन दोपहर 2:00 बजे नमाज़ अदा की जाएगी. लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने स्थानीय मस्जिदों को होली के त्यौहारों के साथ टकराव से बचने के लिए नमाज़ का समय दोपहर 2 बजे करने का सुझाव दिया और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया.
अगले शुक्रवार को होली से पहले लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मुसलमानों को सलाह दी है कि वे उस दिन दूर की मस्जिदों में जाने के बजाय अपने इलाके की मस्जिद में नमाज अदा करें. गुरुवार को जारी एक सलाह में मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि मस्जिदें, जहाँ आमतौर पर जुमा (शुक्रवार की नमाज) दोपहर 12.30 बजे से 1 बजे के बीच अदा की जाती है, इसे दोपहर 2 बजे तक टाल सकती हैं.
संभल: दोपहर 2:30 बजे तक होली का त्यौहार, उसके बाद नमाज़
संभल में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के नेताओं के बीच चर्चा के बाद यह सहमति बनी कि:
होली का त्यौहार दोपहर 2:30 बजे तक चलेगा
जुमे की नमाज़ दोपहर 2:30 बजे के बाद अदा की जाएगी
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने आश्वासन दिया कि सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की सात कंपनियाँ तैनात की गई हैं. गलत सूचना को रोकने के लिए अधिकारी सोशल मीडिया पर भी नज़र रख रहे हैं.
संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि शहर को छह जोन और 29 सेक्टरों में बांटा गया है, सभी सेक्टरों में मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं.
बरेली: मिश्रित आबादी वाले इलाकों में दोपहर 2:30 बजे नमाज अदा करने का आह्वान
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलीवी ने इमामों से अपील की कि मिश्रित आबादी वाले इलाकों में दोपहर 2:30 बजे जुमे की नमाज अदा की जाए, जबकि मुस्लिम बहुल इलाकों में सामान्य समय रखा जाए.
बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इमामों से होली के दिन जुमे की नमाज दोपहर 2.30 बजे तय करने की अपील की. उन्होंने कहा कि मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में जुमे की नमाज दोपहर 2.30 बजे तय की जानी चाहिए, जबकि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इसे बदलने की जरूरत नहीं है. उन्होंने मस्जिदों के इमामों और मुतवल्लियों से ऐसी बातों पर विशेष ध्यान देने की अपील की.
उन्होंने मुसलमानों को यह भी सलाह दी कि:
घर से बाहर 3-4 घंटे ही निकलें.
अगर कोई गलती से उन पर रंग लगा दे तो शांत और धैर्यवान रहें.
अनावश्यक विवादों में शामिल होने से बचें
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि होली के रंगों से कपड़े अपवित्र नहीं होते.
क्षेत्रीय मस्जिदों द्वारा सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा
यह निर्णय क्षेत्रीय मस्जिदों द्वारा सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है. स्थानीय मुस्लिम नेताओं और संगठनों ने इस कदम को एक बहुत अच्छा उदाहरण बताया, जो यह दर्शाता है कि कैसे दोनों धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों और उत्सवों का सम्मान कर सकते हैं.
इस निर्णय का समर्थन करते हुए स्थानीय हिन्दू समुदाय के सदस्यों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि यह कदम हिन्दू-मुस्लिम रिश्तों को मजबूत करने में सहायक होगा. क्षेत्र के एक प्रमुख हिन्दू नेता ने कहा, "हमारे समाज में यह महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे के धार्मिक पर्वों का सम्मान करें और ऐसी घटनाओं से बचें जो हमारे बीच विवाद उत्पन्न कर सकती हैं."
इससे पहले, होली के दौरान मस्जिदों की नमाज का समय और होली के उत्सवों के बीच टकराव की आशंका रहती थी. मगर इस कदम से न केवल एक दूसरे के धर्म और परंपराओं का सम्मान होगा, बल्कि एकता और सामूहिक भाईचारे को भी बढ़ावा मिलेगा.
यह पहल समाज में सकारात्मक संदेश दे रही है और उम्मीद की जा रही है कि अन्य शहरों और क्षेत्रों में भी इस तरह की समझदारी और सहयोग की मिसाल कायम होगी.
हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए, इस क्षेत्र की मस्जिदों ने इस साल होली के अवसर पर अपनी नमाज का समय बदलने का फैसला किया है. मस्जिदों ने ऐलान किया कि वे अपनी ज़ुहर नमाज़ का समय 2 बजे के बाद रखेंगे, ताकि होली के रंग और ध्वनि उत्सव से टकराव से बचा जा सके और दोनों समुदायों के बीच शांति बनी रहे.