Thousands descend on Ayodhya on first anniversary of 'Pran Pratishtha', as per Gregorian calendar
अयोध्या, उत्तर प्रदेश
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 22 जनवरी को राम लला की 'प्राण प्रतिष्ठा' के एक वर्ष पूरे होने पर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. हालांकि, हिंदू कैलेंडर के संरेखण के अनुसार पहली वर्षगांठ 11 जनवरी, 2025 को मनाई जाएगी. पिछले साल यह पवित्र आयोजन हिंदू कैलेंडर के पौष माह के शुक्ल पक्ष के दौरान कूर्म द्वादशी को मनाया गया था. इसलिए इस साल शुक्ल पक्ष 11 जनवरी को पड़ रहा है. ऐतिहासिक समारोह 22 जनवरी, 2024 को हुआ, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अनुष्ठान किए.
'राम लला' की मूर्ति को कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया था. मूर्ति 51 इंच लंबी है और इसका वजन 1.5 टन है. मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में कमल के फूल पर खड़े दिखाया गया है, जिसे भी इसी पत्थर से बनाया गया है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के रूप में चिह्नित करने के पीछे के तर्क को भी समझाया. "... हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह (प्राण प्रतिष्ठा) द्वादशी को हुई थी, इसलिए वर्षगांठ 11 तारीख को मनाई गई... लेकिन भगवान की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई, इसलिए आज बहुत सारे लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं... जो लोग अंग्रेजी तिथि के अनुसार समझते हैं वे आज आ रहे हैं... आज लोग बहुत अच्छे से दर्शन कर रहे हैं... कुछ लोग प्रयाग से लौटे हैं, इसलिए बहुत भीड़ है...," आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा. उन्होंने आगे बताया, "इस साल यह (प्राण प्रतिष्ठा) द्वादशी तिथि के अनुसार मनाई गई, इसलिए अगले साल भी इसी तरह, द्वादशी के अनुसार मनाई जाएगी.
एक साल पहले यह अपने आप में अनूठा था, यह दूसरा था, यह अद्भुत था और इसीलिए वहां भारी भीड़ थी... प्रयागराज में आज ऐसा ही महसूस हो रहा है..." आज सुबह की तस्वीरों में भारी भीड़ जय श्री राम के नारे लगाते हुए मंदिर परिसर की ओर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है, जबकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा तैनात की गई है. हैदराबाद के एक श्रद्धालु रवि ने कहा, "हम इस तिथि के लिए तीन महीने से योजना बना रहे थे... तीन दिन पहले हम प्रयागराज गए और महाकुंभ में डुबकी लगाई... इस क्षण के लिए 500 वर्षों का संघर्ष करना पड़ा... तैयारियां अच्छी तरह से की गई हैं, चाहे वह कतार प्रणाली हो, सुरक्षा व्यवस्था हो या मंदिर के अंदर आराम हो..."
राजस्थान की एक अन्य श्रद्धालु विजयलक्ष्मी ने कहा, "हम यहां उनका (राम लला) जन्मदिन मनाने आए हैं. हम बहुत उत्साहित हैं... यह उनका आशीर्वाद है जिसकी वजह से हम आज यहां हैं... अयोध्या में राम लला की स्थापना के लिए कई लोगों ने कड़ी मेहनत की..."
उत्तर प्रदेश के मंत्री जयवीर सिंह ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष और बलिदान के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ. सिंह ने प्रयागराज में आज महाकुंभ में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित करने का भी उल्लेख किया. जयवीर सिंह ने कहा, "यह ऐतिहासिक दिन है. 500 साल के संघर्ष और बलिदान के बाद पिछले साल इसी दिन अयोध्या में रामलला विराजमान हुए थे. आज हमें दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ में शामिल होने का मौका मिला है. भगवान की कृपा से ही आज हमें यह मौका मिला है." "सबसे बड़ी बात यह है कि यूपी की कमान एक संत के हाथों में है और यहां कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें लोगों के कल्याण के लिए कई फैसले लिए जाएंगे... कैबिनेट के सभी सदस्य आज त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे."