लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर ‘फ्लोर लैंग्वेज’ विवाद पर बयान दिया. उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है, इसे न तो हटाया जा रहा है और न ही कोई भाषा थोपी जा रही है. आप लोग केवल उर्दू बोल रहे हैं. हमने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए बोलना/समझना आसान बनाने के लिए ‘फ्लोर लैंग्वेज’ में स्थानीय भाषाओं को शामिल किया है.
इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि उर्दू भी एक भाषा है. सदन में उठाए गए मुद्दे का दूसरा पहलू भी था, लेकिन उन्होंने (सीएम योगी) अपना हिंदू-मुस्लिम एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए उर्दू की बात की. हम विधानसभा में अंग्रेजी के प्रवेश का विरोध कर रहे थे, लेकिन यह मुद्दा उर्दू भाषा बन गया. मुख्यमंत्री नाराज हो गए और उर्दू भाषा पर भड़क गए.
सीएम योगी ने कहा कि जब हम यहां यह चर्चा कर रहे हैं, करोड़ों लोग महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं. यह घटना किसी सरकार से संबंधित नहीं है, बल्कि समाज से संबंधित है. सरकार केवल एक सेवक के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. हम अपनी जिम्मेदारियों से अवगत हैं. पूरी दुनिया ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और इसके बारे में फैली सभी अफवाहों को नजरअंदाज कर दिया. हमारी संवेदनाएं उन लोगों के प्रति हैं जिन्होंने भगदड़ में अपनी जान गंवा दी.
उन्होंने आगे कहा कि संगम का पानी स्नान और पीने के लिए उपयुक्त है और संगम पर प्रदूषण नियंत्रण कक्ष लगातार काम कर रहा है. संगम के पानी को लेकर झूठी खबरें फैलाई गईं. इसमें सपा और विपक्ष के लोग शामिल हैं.
सीएम योगी ने विधानसभा में विपक्ष से कहा कि ध्यान दीजिए, ये उर्दू में नहीं है, ये शायरी हिंदी में है. वैसे भी, हर अच्छी चीज का विरोध करना सपा की संस्कृति है. उनकी दोहरी भूमिका सर्वविदित है. मुख्यमंत्री ने एक नज्म सुनाई, ‘‘उनकी जुबान का जादू बड़ा खूबसूरत है, वो आग जलाते हैं और बहार की बातें करते हैं... जो लोग रातों को बस्तियों को लूटते हैं, वही अब बातें की बातें करते हैं.’’
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल की भाषा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह सभ्य समाज की भाषा नहीं हो सकती. उन्होंने यह भी कहा कि सपा नेता अकबर के किले के बारे में तो जानते हैं, लेकिन अक्षय वट और सरस्वती के महत्व से अनभिज्ञ हैं. यह महाकुंभ और प्रयागराज के बारे में उनका सामान्य ज्ञान है. क्या महाकुंभ को भव्य बनाना अपराध है और यदि ऐसा है, तो क्या हमारी सरकार भविष्य में भी ऐसा करती रहेगी?