विवादास्पद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को आश्वासन दिया कि वह फिलहाल इस अधिनियम के कुछ विवादित प्रावधानों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी. इसमें वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति और पहले से अधिसूचित वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने जैसे प्रावधान शामिल हैं.
CJI संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की तीन जजों की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिए गए इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
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केंद्र सरकार 7 दिनों के भीतर इस मामले पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करेगी.
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याचिकाकर्ता इसके बाद 5 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं.
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अगली सुनवाई 5 मई 2025 को होगी, जिसमें कोर्ट अंतरिम आदेशों पर विचार करेगा.
कोर्ट में केंद्र का आश्वासन:
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फिलहाल वक्फ बोर्ड या केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिमों की कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी.
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यूज़र द्वारा वक्फ सहित सभी पहले से अधिसूचित वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा.
अदालत ने साफ किया कि अगली सुनवाई सिर्फ अंतरिम आदेशों और दिशा-निर्देशों पर केंद्रित होगी.
(स्रोत: सुप्रीम कोर्ट कार्यवाही )