त्योहारों का संदेश शांति, प्रेम और सौहार्द का होता है: मोहिबुल्लाह नदवी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 12-03-2025
The message of festivals is of peace, love and harmony: Mohibullah Nadvi
The message of festivals is of peace, love and harmony: Mohibullah Nadvi

 

रामपुर
 
उत्तर प्रदेश में रामपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने बुधवार को कहा है कि त्योहारों का संदेश शांति, प्रेम और आपसी सौहार्द का होता है, जो लोगों को करीब लाता है. मोहिबुल्लाह नदवी ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान कई सवालों के जवाब दिए. 
 
बिहार में दरभंगा की मेयर अंजुम आरा के बयान 'होली के दौरान जुमे की नमाज के लिए दो घंटे होली के कार्यक्रमों को रोका जाना चाहिए' पर संजय निषाद ने कहा है कि जिन लोगों को होली से दिक्कत है, वो देश छोड़कर चले जाएं. सपा सांसद ने इस सवाल के जवाब में कहा कि त्योहारों का पैगाम शांति, प्रेम और आपसी सौहार्द का होता है, जो लोगों को करीब लाता है. आपसी सौहार्द के साथ त्योहारों का स्वागत किया जाता है.
 
उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के त्योहार की शुरुआत इबादत से होती है, लेकिन किसी को इसमें शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है. सभी धर्मों के त्योहारों का पैगाम यही होता है कि हम देशवासियों के बीच परिवार जैसा रिश्ता बना रहे और गंगा-जमुनी तहजीब कायम रहे. हम एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करते हैं और सदियों से करते आए हैं.
 
उन्होंने कहा कि कुछ लोग त्योहारों की रूह को खत्म करके राजनीतिक फायदा हासिल करना चाहते हैं. वे यह नहीं समझ रहे कि इससे समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचता है. हालांकि, हिंदुस्तान की जनता अब जान चुकी है कि सियासत का स्तर कुछ लोगों ने इतना गिरा दिया है कि मजहब के त्योहार पर भी वे राजनीति को शामिल कर रहे हैं.
 
वक्फ संशोधन बिल को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा 17 मार्च को धरना प्रदर्शन किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह कोई मामूली वाकया नहीं है. देश में पहली बार ऐसे किसी धर्म के अंदर हस्तक्षेप किया जा रहा है, जो बुनियादी आर्टिकल 26 समेत कई आर्टिकल के खिलाफ है. इसमें देश के जितने भी अल्पसंख्यक हैं, एससी/एसटी दलित हैं, सिख और ईसाई हैं, वे सब लोग इस चीज को महसूस कर रहे हैं. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो भी इसके लिए ऐलान करेगा, वह कानून के दायरे में करेगा. कानून के दायरे में रहकर हम अपना हक हासिल करने की कोशिश करेंगे.