The government's target will be accomplished by 2025, construction of infrastructure in nine plastic parks
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
रसायन और पेट्रोरसायन सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य 2025 के अंत तक सभी नौ प्लास्टिक पार्क में भौतिक बुनियादी ढांचे का निर्माण पूरा करना है.
सरकार ने अब तक एक केंद्रीय योजना के तहत कुल 10 प्लास्टिक पार्क को मंजूरी दी है. इसके तहत परियोजना लागत का 50 प्रतिशत तक वित्त पोषण किया जाता है. इसकी सीमा प्रति पार्क 40 करोड़ रुपये है. फिलहाल, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा तमिलनाडु में एक पार्क पर स्थगन आदेश है. वर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “पार्क विकास के विभिन्न चरणों में हैं. हम भौतिक बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इस साल के अंत तक, हम सभी नौ पार्क में बुनियादी ढांचे को पूरा करना चाहते हैं.
भौतिक बुनियादी ढांचे का विकास
शुक्ला वर्मा ने कहा कि कई पार्क में भौतिक बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, लेकिन परिचालन धीमा बना हुआ है. नौ पार्क में से तीन से चार पार्क आंशिक रूप से चालू हैं, जिनमें तमोट (मध्य प्रदेश), पारादीप (ओडिशा) और तिनसुकिया (असम) शामिल हैं. वर्मा ने कहा कि हालांकि, इरादा पार्कों को जल्द से जल्द पूरा करने का है, लेकिन भूमि अधिग्रहण और राज्य सरकारों के साथ समन्वय से संबंधित मुद्दों के कारण प्लास्टिक पार्कों के निर्माण में थोड़ा अधिक समय लगा है. सचिव ने कहा कि हालांकि पिछले डेढ़ साल से सरकार, राज्य सरकारों पर पार्क में भौतिक बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए दबाव डाल रही है. पिछले कुछ साल में काफी प्रगति हुई है.
9 अक्टूबर, 2013 में पैश किया गया था प्रस्ताव
इन पार्कों को घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने, प्लास्टिक उत्पादों के उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने तथा प्लास्टिक प्रसंस्करण के लिए एक मजबूत परिवेश बनाने के लिए डिजायन किया गया है. प्लास्टिक पार्क योजना 2013 में शुरू की गई थी. पार्क के लिए मंजूरी 9 अक्टूबर, 2013 को तामोट और पारादीप में प्रदान की गई थी. इसके बाद से इस योजना का विस्तार किया गया है, तथा आगामी वर्षों में अतिरिक्त पार्कों को भी मंजूरी दी गई है.