तमिलनाडु: वक्फ संपत्ति के दावे के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध, मुतवल्ली बोले – 1950 के दशक से बोर्ड के अधीन है ज़मीन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-04-2025
Tamil Nadu: Villagers protest against claim of Waqf property, Mutawalli says – land is under the board since 1950s
Tamil Nadu: Villagers protest against claim of Waqf property, Mutawalli says – land is under the board since 1950s

 

वेल्लोर (तमिलनाडु)

तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के कट्टुकोलाई गांव में वक्फ संपत्ति के दावे को लेकर तनाव गहरा गया है.गांव के लगभग 150 परिवारों को हाल ही में एक नोटिस मिला है जिसमें कहा गया है कि उनकी जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है.इस नोटिस के खिलाफ ग्रामीणों ने वेल्लोर जिला कलेक्टर को याचिका सौंपते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है.

ग्रामीणों का दावा है कि वे पिछली तीन से चार पीढ़ियों से इस भूमि पर रह रहे हैं और उन्होंने वैध रूप से जमीन का पंजीकरण कराया है, जल कर चुकाया है, और कुछ ने तो पट्टा (भूमि अधिकार प्रमाणपत्र) के लिए भी आवेदन किया है.

हालांकि, किलांडई मस्जिद और विरिंचीपुरम की हज़रत सैयद अली सुल्तान शाह दरगाह के मुतवल्ली सैयद सदाम का कहना है कि यह जमीन 1954 से वक्फ की संपत्ति है और यह बात राजपत्र में भी दर्ज है.उन्होंने दावा किया कि पुराने सरकारी दस्तावेज और वक्फ बोर्ड की रिपोर्टें इस दावे की पुष्टि करती हैं.

ग्रामीणों की आपत्ति

हिंदू संगठन हिंदू मुन्नानी ने ग्रामीणों को एकजुट कर जिला प्रशासन के समक्ष आवाज उठाई.संगठन के वेल्लोर जिला पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि ग्रामीणों को यह जमीन सरकारी भूमि समझकर दी गई थी और अब अचानक उन्हें वक्फ का नोटिस मिला है.उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नोटिस के बाद कुछ घरों की बिजली सप्लाई भी काट दी गई, जबकि जिला कलेक्टर ने पहले आश्वासन दिया था कि यह जमीन सरकारी है.

वक्फ बोर्ड का पक्ष

मुतवल्ली सैयद सदाम ने कहा, "हमारे पास 1954 से जुड़े सभी वक्फ रिकॉर्ड हैं, जिनमें साफ तौर पर यह ज़मीन वक्फ की बताई गई है.यहां तक कि मेरे पिता ने भी 1991 में चेन्नई और जिला प्रशासन को इस संबंध में याचिका दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.अब हम चाहते हैं कि लोग किराया दें — मकान का नहीं, बल्कि ज़मीन का."

उन्होंने यह भी कहा कि 1990 के दशक तक यह जमीन कृषि भूमि के रूप में पंजीकृत थी और अब उस पर अवैध निर्माण हो गए हैं.

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

भाजपा विधायक सी. सरस्वती ने वक्फ बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा, "वक्फ संपत्तियों का कोई स्पष्ट लेखा-जोखा नहीं है.केवल कुछ अमीर लोग ही इसका फायदा उठाते हैं, जबकि गरीब मुस्लिम समुदाय को कुछ नहीं मिलता."

कांग्रेस विधायक जेएमएच हसन मौलाना ने कहा, "एक बार वक्फ घोषित होने के बाद, जमीन हमेशा वक्फ ही रहती है.अगर कोई व्यक्ति उस पर रह रहा है, तो उसे वैधानिक रूप से वक्फ को किराया देना होगा."

प्रशासन की प्रतिक्रिया

वेल्लोर की जिला कलेक्टर वी.आर. सुब्बुलक्ष्मी ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच जारी है और जल्द ही सभी संबंधित पक्षों से जानकारी लेकर निर्णय लिया जाएगा.इस विवाद ने राज्य में वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और प्रशासनिक जिम्मेदारी को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है.