नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को बताया कि उसने तमिलनाडु के पांच जिलों में 10 स्थानों पर छापेमारी कर अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये लोग सांप्रदायिक कट्टरता फैलाने और हिंसा की साजिश रच रहे थे.
एजेंसी ने बताया, "गिरफ्तार किए गए आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य हैं. यह एक अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट और कट्टरपंथी संगठन है, जो इस्लामिक खिलाफत को फिर से स्थापित करने और हिज्ब-उत-तहरीर के संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी द्वारा लिखे संविधान को लागू करने के लिए काम कर रहा है."
एनआईए ने आरोपियों की पहचान अब्दुल रहमान और मुजीबुर रहमान अल्थम साहिब के रूप में की है. दोनों तंजावुर जिले के रहने वाले हैं.
एनआईए की जांच में पता चला है कि वे युवाओं को कट्टरपंथी विचारधाराओं में ढालने, लोकतंत्र और भारतीय संविधान, कानून व न्यायपालिका आदि को इस्लाम विरोधी के रूप में प्रचारित करने के लिए गुप्त कक्षाएं चला रहे थे.
बयान में कहा गया है, "प्रशिक्षुओं को सिखाया गया था कि भारत अब दारुल कुफ्र (गैर-विश्वासियों की भूमि) है और हिंसक जिहाद करके भारत में एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करके इसे दारुल इस्लाम में बदलना उनका कर्तव्य है."
आरोपियों से मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम और मेमोरी कार्ड सहित डिजिटल डिवाइस समेत आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए. इसमें हिज्ब-उत-तहरीर, खिलाफा, इस्लामिक स्टेट और प्रस्तावित खिलाफा सरकार आदि की विचारधारा वाली किताबें शामिल हैं.
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