आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
दिल्ली में पक्षियों के जीवन से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए लोधी गार्डन में रविवार को ‘दिल्ली बर्ड एटलस समर सर्वे’ शुरू किया गया. एक बयान में यह जानकारी दी.
राष्ट्रीय राजधानी में पक्षियों संबंधी आंकड़े जुटाने की इस कवायद में लगभग 100 पक्षी प्रेमियों, स्वयंसेवकों, विद्यार्थियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और संरक्षणवादियों ने भाग लिया.
बयान में बताया गया कि दिल्ली के मुख्य वन्यजीव वार्डन श्याम सुंदर कांडपाल और विश्व वन्यजीव कोष-भारत में जैव विविधता संरक्षण के वरिष्ठ निदेशक डॉ दीपांकर घोष ने सभी आयु वर्ग के लोगों की मौजूदगी के बीच सर्वेक्षण कार्य का उद्घाटन किया.
इस मौके पर कांडपाल ने संरक्षण प्रयासों में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के पक्षी प्रेमियों का यह अनूठा प्रयास राष्ट्रीय राजधानी में पक्षियों के पारिस्थितिक तंत्र की स्थिति को सामने लगाएगा. इसमें यह देखा जाएगा कि राष्ट्रीय राजधानी कितनी हरी-भरी है, कितनी सुंदर है और यहां के उद्यानों का कितने अच्छे तरीके से रखरखाव किया गया है क्योंकि पक्षी तभी यहां रहेंगे जब पर्यावरण का बहुत अच्छे से रखरखाव किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह दिल्ली में पर्यावरण संबंधी समस्याओं को उठाने का काम भी करेगा.’’
घोष ने वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में इस तरह की पहल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि इस तरह का सर्वेक्षण कोई आसान काम नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए समर्पण, धैर्य और प्रकृति के प्रति प्रेम की आवश्यकता होती है. ‘दिल्ली बर्ड एटलस’ राजधानी की समृद्ध जैव विविधता का मानचित्रण करने के लिए अत्यंत आवश्यक और वाकई अनूठा प्रयास है.’’