लखनऊ. संभल की एक सिविल कोर्ट ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और छह अन्य लोगों द्वारा दायर एक आवेदन पर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए अधिवक्ता आयुक्त को निर्देश दिया. मुस्लिम पूजा स्थलों को लेकर विवादों की एक नई कड़ी में यह नवीनतम मामला है, जिसके बारे में कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुगल काल के दौरान मंदिरों को ध्वस्त करके इन्हें बनाया गया था.
अधिकारियों के अनुसार, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने वकील रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया और शाम को संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया और जिला पुलिस प्रमुख कृष्ण कुमार की मौजूदगी में एक “प्रारंभिक सर्वेक्षण” किया गया.
संभल के जिला सरकारी वकील (सिविल) एडवोकेट प्रिंस शर्मा ने कहा, “अदालत ने सर्वेक्षण के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन को स्वीकार कर लिया. इसके बाद, कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव, वरिष्ठ जिला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और सर्वेक्षण किया.”
शर्मा ने कहा, “सर्वेक्षण के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई. एडवोकेट कमिश्नर को 29 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट जमा करनी है.”
जैन की याचिका पर ही वाराणसी की एक अदालत ने 8 अप्रैल, 2022 को एडवोकेट कमिश्नर द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. यह काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है.
संभल कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि सर्वेक्षण और पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराया जाए. इसने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की, जब एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति के बारे में सभी कानूनी औपचारिकताएं उसके समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी.