नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जेल में बंद अब्बास अंसारी को उसके मृत पिता मुख्तार अंसारी के फातिहा में शामिल होने के लिए 10 और 12 जून के बीच पुलिस हिरासत में गाजीपुर स्थित उनके पैतृक स्थान पर जाने की अनुमति दे दी.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अंसारी के आवास पर पुलिसकर्मी परिवार की महिला सदस्यों के सम्मान और आत्म सम्मान का ख्याल रखें. पीठ में न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन भी शामिल थे.
इससे पहले शीर्ष अदालत ने कासगंज जिला जेल में बंद अब्बास अंसारी को 10 अप्रैल को पिता मुख्तार अंसारी के फातिहा में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी थी.
उसने गाजीपुर जिला प्रशासन को इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा था कि 11 अप्रैल से अन्य रस्में हो रही हैं या नहीं, और आवेदक को पुलिस हिरासत में उनमें शामिल होने की अनुमति दी थी. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था, "यदि कोई रस्म नहीं है तब भी याचिकाकर्ता को 11 और 12 अप्रैल को उसके परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जायेगी."
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को भी ध्यान में रखा था कि न्यायिक हिरासत में रहने के कारण याचिकाकर्ता अपने पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो सका था.
अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के आरोपी मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी. शीर्ष अदालत ने कहा है कि अंतरिम जमानत पर रहते हुए अब्बास अंसारी कोई सार्वजनिक भाषण नहीं देगा, प्रेस से बात नहीं करेगा या किसी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेगा.
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