लाहौर. पाकिस्तान के लाहौर में 19वीं सदी के सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तीसरी बार तोड़ा गया है. पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने ट्विटर पर टिप्पणी कर कहा, “शर्मनाक निरक्षरों का यह झुंड दुनिया में पाकिस्तान की छवि के लिए वास्तव में खतरनाक है.”
एक कट्टरपंथी पार्टी के सदस्य, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने लाहौर किले में रंजीत सिंह की प्रतिमा को गिरा दिया. प्रतिमा को पहले टीएलपी कार्यकर्ताओं ने कम से कम दो अलग-अलग मौकों पर तोड़ दिया था.
ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में, व्यक्ति को अपने हाथों से मूर्ति पर प्रहार करते और उसके हाथों और अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है.
जून 2019में लाहौर में ‘माई जिंदा’ हवेली में अनावरण की गई प्रतिमा को पहले अगस्त 2019में कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा और फिर पिछले साल दिसंबर में तोड़ दिया गया था.
एक किशोर आगंतुक ने दिसंबर 2020में महाराजा की मूर्ति का हाथ तोड़ दिया था. उसे पकड़ने के बाद, उसने पुलिस को बताया कि किले में एक सिख शासक की मूर्ति को देखकर उसकी ‘धार्मिक भावनाएं’ आहत हुई हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिमा में हालिया तोड़फोड़ रिजवान नाम के शख्स ने लाहौर के किले में की. मूर्ति के चारों ओर रेलिंग तोड़ते समय वह विदेशी भाषा में कुछ बोल रहा था. सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें मूर्ति के कुछ हिस्सों को खींचते हुए देखा जा सकता है.
मूर्ति तोड़ने के आरोप में रिजवान को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया है.
Vandalism in Lahore of the statue of Maharaja Ranjit Singh Ji, the great unifier of India, has to be strongly condemned. This act which attempts to erase the shared history of the subcontinent shows how extremist ideologies feel emboldened in our volatile neighbourhood. pic.twitter.com/aI2wN3QGbe
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 17, 2021