राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर अपने विभिन्न रंगों और खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. जयपुर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में इन दिनों रमजान की रौनक देखने लायक है. रमजान की सेहरी और इफ्तारी की अपनी ही लज्जत है. ऊपर से आप जयपुर में है तो फिर तो मियां चार क्या आठ चांद लगने तयशुदा है. बाजारों में खाने पीने चीज़ों के अलावा टोपी, सुरमे एवं इत्र की भी डिमांड बढ़ गई है. इसको देखते हुए डिमांड की भरपाई के लिए लगातार इंतजाम किया जा रहा है.
हम आपको जयपुर में ऐसी जगहें और जायके बताने वाले हैं जहां पर आपको लजीज खाने मिलेंगे. यहां शाम के समय इफ्तारी करने दूर दूर से लोग आते हैं. जुबान का ज़ायका और दिलों की मिठास बरबस ही रोजेदारों के जयपुर के इन तंग बाजारों में भी कुशादा सुकून देती है. शहर में गंगा - जमुनी संस्कृति का माहौल दिख रहा है.
तरावीह की नमाज के बाद हर व्यक्ति बाजार में आने लगा है. खाने से लेकर खरीददारी तक की भारी भीड़ रहती है. हालांकि अभी खरीदारी पर कम और खाने की दुकानों पर भीड़ ज्यादा नजर आ रही है. चाय की दुकान हो या निहारी और हलीम हर कोई अपने एक अलग महफिल के साथ इसका आनंद उठा रहा है. नॉनवेज दुकानों में जुटी भीड़ सुबह सहरी तक उमड़ रही है. दूर-दूर से खाने के शौकीन यहा नहारी-हलीम, गुलत्ती व बिरयानी का लुत्फ उठाने के लिए जुट रहे हैं. वेज हो या नॉन वेज के होटल, हर जगह पाव रखने तक की जगह तलाशना मुश्किल होता जा रहा था. जानते हैं राजधानी जयपुर स्पेशल जगहें और चीजें जहां सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है.
होटल एमएम खान
जयपुर के रामगंज में रमजान की असली रौनक देखने को मिलती है. मु्स्लिम बाहुल्य इलाका होने के साथ ही यहां पर एक से बढ़कर एक लजीज खाने की होटल्स मौजूद हैं. जिनमें तजुर्बेकार खानसामे क्या ही लाजवाब डिशेज बनाते हैं कि रोजेदार बिना किसी देर किये इफ्तार के बाद पानी और खजूर लेकर सीधे यहां डिनर करने पहुंच जाते हैं. इसकी होटल तीन जगह मौजूद हैं. सबसे पुरानी होटल रामगंज में है फिर रामगढ़ मोड़ और मोती डूंगरी रोड़ पर स्थित है. यहां का चिकन चंगेजी, हलीम, निहारी और शाही कोरमा काफी फेमस है.
होटल मुहम्मदी पैलेस
जयपुर के चांदपोल में स्थित होटल मुहम्मदी किसी परिचय का मोहताज नहीं है. सिंधी कैंप बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के कुछ ही दूरी पर स्थित चांदपोल की ये लजीज होटल रमजान में रोजेदारों की भीड़ से लबालब रहती है. यहां पर मिलने वाली निहारी और बिरयानी जयपुर में काफी मशहूर है. रमजान के दौरान मुहम्मदी के बाहर रोजेदारों की कतारें लग जाती हैं. ज्यादातर लोग स्वादिष्ट जायके पैक करवाके घर ले जाते हैं.
निहारी और हलीम
रमज़ान के महीने में सबसे ज्यादा डिमांड निहारी और हलीम की रहती है. मटन निहारी की दुकानों पर 190से 250रुपए प्लेट तक मिलने वाली निहारी की दुकानों पर लोगों को खाने के लिए 30मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है. यहाँ खासतौर से रमज़ानों में बिकने वाले हलीम भी बेहद लोकप्रिय है.बड़ी बात यह है कि इसमें ओल्ड सिटी के साथ दूर दराज़ के लोग भी इसका आनंद लेने पहुंच रहे है.
बिरयानी की डिमांड बरकरार
रामगंज हो या चार दरवाजा यहाँ के मशहूर पुलाव और बिरयानी की डिमांड हर रमजान में सबसे ज्यादा होती है. इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. अच्छु का पुलाव हो या अमजद की बिरयानी लोग बड़े चाव से यहा आते हैं. शाम 6बजे से सुबह के 2बजे तक बिरयानी खाने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. राजधानी जयपुर के रामगंज स्थित बाबू का टीबा बीते कई सालों से बिरयानी की पहचान बनता जा रहा है.
इस एरिया में एक दर्जन से अधिक बिरयानी की दुकाने है. रमजान में खासतौर से यहां रौनक देखने को मिलती है. यहां बिरयानी के साथ गुलत्ती और हलीम भी बेचा जाता है.बाबू का टीबा अब बिरयानी के टीबे के नाम से मशहूर हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक बाबू के टीबे में एक दिन में 100से अधिक बिरयानी के देग से बेचे जाते हैं. बिरयानी खाने के लिए नौजवानों की भीड़ लगी रहती है. जो शहर के अलग-अलग क्षेत्रो से यहां बिरयानी खाने आते हैं. यहां बेहतरीन किस्म की बिरयानी मिलती है.यहां अमजद भाई की बिरयानी, अलिजा बिरयानी जैसी प्रसिद्ध बिरयानी की दुकानें हैं.
खजूर की डिमांड सबसे ज्यादा
रमजान के पाक माह में खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है. इसके लिए इफ्तारी में सबसे पहला नंबर खजूर का आता है. रमजान की इफ्तारी में और चाहे कितनी ही चीजें हो या न हो फर्क नहीं पड़ता लेकिन खजूर की अपनी अलग ही अहमियत है. इसलिए रोजा रखने वाले इफ्तारी के लिए खजूर जरूर खरीदते हैं. ऐसे में राजधानी जयपुर में खजूर के बाजार में खासी रौनक देखने को मिल रही है. इन दिनों यहां कई मुल्कों के खजूर बाजारों में उपलब्ध हैं. जयपुर में अलग अलग देशों के खजूर बिकने आ रहे हैं.
इनमें खाड़ी देशों के खजूरों की मांग काफी ज्यादा है. रमजान के दौरान इफ्तार में की शुरुआत खजूर से ही की जाती है. इसलिए खजूर का रमजान में काफी महत्व है. जयपुर में इन दिनों सऊदी अरब, मिस्र, कुवैत, दुबई, यूएई, ईरान, ईराक, फिलिस्तीन, इजरायल, अल्जीरिया, अफगानिस्तान और ट्यूनेशिया समेत कई देशों के खजूर उपलब्ध हैं.जयपुर की मुहाना मंडी में इन दिनों खजूर की खपत करीब दो टन प्रतिदिन हो रही है. जयपुर में 80 रुपये से लेकर 1500 रुपये किलो तक खजूर उपलब्ध हैं.
जयपुर में फिलहाल खजूर की 30 किस्में उपलब्ध हैं. इनमें सबसे ज्यादा महंगी खजूर की अजवा किस्म है. यह खजूर चुनिंदा बागों से आता है. ड्राइ फ्रूट के दुकानों को छोड़ दिया जाए तो मौजूदा समय रामगंज बाज़ार और घाटगेट बाज़ार में पर करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग ठेले पर खजूर बेच रहे हैं. दरअसल, खजूर काफी ज्यादा एनर्जी वाला होता है. इसके सेवन के बाद दर्द, थकान, चक्कर, लो ब्लड प्रेशर, डी हाईड्रेशन समेत कई तरह की समस्याएं नहीं आती है. ऐसे में रोजा खोलने के दौरान भी सबसे ज्यादा सेवन खजूर का किया जाता है.