कश्मीर में आंतकियों से मुकाबला करते सैनिक शहीद, बंगाल के पत्थरघाट में गर्व और शोक का माहौल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-04-2025
Soldiers martyred while fighting terrorists in Kashmir, atmosphere of pride and mourning in Patharghat of Bengal
Soldiers martyred while fighting terrorists in Kashmir, atmosphere of pride and mourning in Patharghat of Bengal

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली


 

पश्चिम बंगाल के पत्थरघाट गांव में बृहस्पतिवार को तब शोक की लहर दौड़ गई, जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में यहां के निवासी और सेना में कमांडो हवलदार जेड अली शेख की मौत की खबर आई. उनके रिश्ते के एक भाई ने कहा, ‘‘आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता. वे किसी भी धर्म से संबंधित नहीं हैं.’’
 
भारतीय सेना के विशेष बल की 6 पैरा यूनिट के सदस्य अली जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के डुडु-बसंतगढ़ क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में शहीद हो गए. अली के एक भाई ने कहा, ‘‘आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता। वे किसी भी मजहब से संबंधित नहीं होते.’ नादिया जिले में उनके घर पर शोक संतप्त रिश्तेदार और पड़ोसी एकत्र हुए. उन्होंने बताया कि अली एक शांत, दयालु व्यक्ति थे, जिन्होंने हमेशा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का सपना देखा था. एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा,‘‘वह बचपन से ही देश की सेवा करना चाहता था. यही उसका एकमात्र सपना था.’’
 
वह तीन भाइयों में से एक थे. उनके बड़े भाई रफीकुर शेख भी भारतीय सेना में हैं. रफीकुर भी वर्तमान में कश्मीर में तैनात हैं. सैन्य अधिकारियों ने सबसे पहले उन्हें ही बृहस्पतिवार की सुबह अली के शहीद होने की जानकारी दी और उन्होंने परिवार को सूचित किया. अली की पत्नी और दो बच्चे उत्तर प्रदेश के आगरा में रहते हैं. उनकी मां बिस्तर पर हैं और पिता गंभीर रूप से बीमार हैं. अली के रिश्ते के भाई नाजिम शेख न केवल इस क्षति से शोकाकुल हैं बल्कि घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाकर हाल ही में किए गए आतंकवादी हमलों के बाद उभर रहे सांप्रदायिक विमर्श से भी दुखी हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। लेकिन मेरा भाई मुसलमान था. उसे क्यों मारा गया, इसका जवाब कौन देगा?’’ नाजिम ने कहा, ‘‘आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। वे किसी भी धर्म से संबंधित नहीं होते. मेरे भाई ने इस देश को ऐसी बुराई से बचाते हुए अपनी जान दे दी.’’ पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी.
 
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू करने से पहले धार्मिक पहचान पूछी थी। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश और शोक फैल गया.
शेख के घर श्रद्धांजलि देने के लिए ग्रामीणों का तांता लगा रहा। कई लोगों ने अली को पूरे समुदाय को गर्वान्वित करने वाला बताया. एक पड़ोसी ने कहा, ‘‘वह शहीद है, हमारा बेटा है, हमारा नायक है.’
 
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान जारी कर शहीद सैनिक को सलामी दी. राजनीतिक हस्तियों ने भी अली की शहादत पर उन्हें नमन किया और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की. कृष्णानगर से तृणमूल के लोकसभा सदस्य ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘भारतीय सेना के 6 पैरा एसएफ के हवलदार जेड अली शेख आज उधमपुर में सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। वह कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र के पत्थरघाट गांव के रहने वाले थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’’