सिमिलिपाल भारत का 107वां राष्ट्रीय उद्यान, ओडिशा का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान बना

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 25-04-2025
Similipal becomes India's 107th national park, Odisha's 2nd
Similipal becomes India's 107th national park, Odisha's 2nd

 

मयूरगंज
 
ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया है. इसके साथ ही, सिमिलिपाल भितरकनिका के बाद राज्य का दूसरा और देश का 107वां राष्ट्रीय उद्यान बन गया है. यह रिजर्व अपनी समृद्ध जैव विविधता और राजसी वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बंगाल टाइगर, एशियाई हाथी, गौर और चौसिंघा शामिल हैं.
 
ओडिशा के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने एक्स पर लिखा, "सिमिलिपाल को आज आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है, जो ओडिशा के संरक्षण प्रयासों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और अपनी समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है."
 
एएनआई से बात करते हुए, सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के उप निदेशक सम्राट गौड़ा ने कहा कि सिमिलिपाल को पुनर्जीवित करने के उनके लंबे समय से चल रहे प्रयासों का फल मिला है.
 
"हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ओडिशा सरकार ने सिमिलिपाल को राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया है. यह ओडिशा का दूसरा और भारत का 107वाँ राष्ट्रीय उद्यान है. सिमिलिपाल को पुनर्जीवित करने के हमारे लंबे समय से चल रहे प्रयासों का नतीजा मिला है, बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है," सम्राट गौड़ा ने कहा.
 
संपत गौड़ा ने बताया कि लगभग 845 वर्ग किलोमीटर के मुख्य क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है.
 
उन्होंने कहा, "हम नियमों और विनियमों के अनुसार इसका प्रबंधन जारी रखेंगे, संरक्षण प्रयासों को और बढ़ाएंगे. यह मान्यता सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है."
 
सिमिलिपाल 2009 से यूनेस्को वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा रहा है. पार्क सफारी, नेचर कैंप सहित विभिन्न पर्यटक गतिविधियाँ प्रदान करता है. सिमिलिपाल को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया जाना जिले और राज्य के लिए गर्व का क्षण है, और इसका स्थानीय अर्थव्यवस्था और संरक्षण प्रयासों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
 
घोषणा से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे दुनिया भर से पर्यटक आकर्षित होंगे. पर्यटकों की इस आमद से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर और राजस्व पैदा होने की संभावना है. राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिलने से संरक्षण प्रयासों में भी वृद्धि होगी, जिससे रिजर्व के अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र और वन्यजीवों की रक्षा होगी.