सिख संत तीन सनातनी अखाड़ों से जुड़े हैं, पहुंचे महाकुंभ, साथ आई गुरुग्रंथ साहिब पालकी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-01-2025
Sikh saints are associated with three Sanatani Akhadas, reached Maha Kumbh, brought Guru Granth Sahib Palki with them
Sikh saints are associated with three Sanatani Akhadas, reached Maha Kumbh, brought Guru Granth Sahib Palki with them

 

प्रयागराज. श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा की छावनी प्रवेश यात्रा कीडगंज से आरंभ हुई. विभिन्न मार्गों से होते हुए यह महाकुंभ क्षेत्र पहुंची. रास्ते भर लोगों ने संतों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया. सबसे आगे रथ पर गुरुनानक देव इसके बाद गुरुग्रंथ साहिब की पालकी और फिर निर्मल अखाड़े के सभापति श्रीमहंत ज्ञान सिंह का विशाल रथ चल रहा था.

महाकुंभ के लिए पंजाब के सिख संत 13 सनातन अखाड़ों में से 3 सिख पंथ से जुड़े हैं. उनका यह रिश्ता खालसा पंथ की स्थापना के समय से ही चला आ रहा है.

 

अमरउजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, संन्यासी, वैष्णव और उदासीन अखाड़ों के बाद शनिवार को पंजाब के सिख संतों के निर्मल अखाड़े की छावनी प्रवेश में देशभर के संत जमा हुए. रथों, बग्घियों, ऊंट, घोड़ों पर सवार होकर सिख संत निकले तो झलक पाने के लिए लोग छतों, खिड़कियों और बारजों पर खड़े हो गए. सड़क किनारे लंबी कतारें लग गईं.

 

श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा की छावनी प्रवेश यात्रा कीडगंज से आरंभ हुई. विभिन्न मार्गों से होते हुए यह महाकुंभ क्षेत्र पहुंची. रास्ते भर लोगों ने संतों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया. सबसे आगे रथ पर गुरुनानक देव इसके बाद गुरुग्रंथ साहिब की पालकी और फिर निर्मल अखाड़े के सभापति श्रीमहंत ज्ञान सिंह का विशाल रथ चल रहा था.

निर्मल अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर साक्षी महाराज भी रथ पर सवार थे. सचिव देवेंद्र सिंह शास्त्री भी सुसज्जित रथ पर निकले. पीछे-पीछे अखाड़े के महंतों का रेला चल रहा था. छावनी प्रवेश यात्रा में भ्रमणशील रमता पंच के साथ साथ गुरु नानक की गुरुवाणी गूंज रही थी.

सिख संत गुरु नानक देव जी का जयकारा लगाते चल रहे थे. पगड़ी बांधे सिख संतों के इकलौते निर्मल अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा की भव्यता देखते बनी. अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री का कहना है कि छावनी प्रवेश यात्रा में आठ हजार से अधिक साधु-संतों, महंतों, श्रीमहंतों और महामंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया.

अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र शास्त्री के मुताबिक, छावनी में मास पर्यंत अखाड़े की तरफ से विविध धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे. जात-पांत और ऊंच-नीच को स्वीकार न करने वाले इस अखाड़े में प्रतिदिन हजारों लोगों के लिए लंगर चलेगा. चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे. संतों के प्रवचन भी होंगे.