कश्मीर में अलगाववाद बन चुका इतिहास, पीएम मोदी के दृष्टिकोण की बड़ी जीत : गृह मंत्री अमित शाह

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 25-03-2025
Separatism in Kashmir has become history, a big victory of PM Modi's vision: Home Minister Amit Shah
Separatism in Kashmir has become history, a big victory of PM Modi's vision: Home Minister Amit Shah

 

नई दिल्ली
 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बताया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो संगठनों, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है.  
 
उन्होंने कहा कि कश्मीर में अब अलगाववाद इतिहास बन चुका है. ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म करें.
 
इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की बड़ी जीत बताया.
 
गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका है. मोदी सरकार की एकीकरणकारी नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को खत्म कर दिया है. हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है. मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म करें."
 
उन्होंने आगे लिखा, ''यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की बड़ी जीत है.''
 
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया था कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद भारतीय युवाओं का आतंकवादियों से जुड़ाव लगभग खत्म हो गया है. 10 साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था, जनाजों का जुलूस निकाला जाता था. हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए, ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाजे का जुलूस नहीं निकाला गया. जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है.
 
उन्होंने कहा कि कई वर्षों से कश्मीर की तिजोरी खाली थी. 2015 में नरेंद्र मोदी ने 80 हजार करोड़ रुपए की 63 परियोजनाओं की शुरुआत की. कुछ लोग मेरे खर्च का हिसाब पूछ रहे थे. अरे भाई, थोड़ा कम हुआ होगा, हमने रखने की हिम्मत तो की, आपके समय में तो खर्च का प्रोविजन ही नहीं था. 80 हजार करोड़ रुपए में से 51 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और 63 में से 53 परियोजनाएं क्रियान्वित हो चुकी हैं.