बरेली. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को संभल में पथराव और तोड़फोड़ की आलोचना की और मुस्लिम समुदाय से जिले में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की.
एएनआई से बात करते हुए मौलाना बरेलवी ने कहा, ‘‘पथराव और तोड़फोड़ उचित नहीं है. मैं संभल के मुसलमानों से इस्लाम की शांति और सौहार्द की शिक्षाओं को बनाए रखने की अपील करता हूं. जहां तक अदालती कार्यवाही का सवाल है, जामा मस्जिद हमारी है. इसकी मीनारें, दीवारें और गुंबद इस बात का सबूत हैं कि यह एक तारीखी मस्जिद है. हम कानून और मजबूत सबूतों के जरिए इसका मुकाबला करेंगे और सफलता हमारी ही होगी.’’
इस बीच, पथराव पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, ष्यूपी उपचुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता बौखला गए हैं. संभल जिले में हिंसा के पीछे उन्हीं का हाथ है. मैं योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी पुलिस से अपील करना चाहूंगा कि यहां हिंसा भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.’’
इससे पहले दिन में संभल के डीएम राजेंद्र पेन्सिया ने कहा, ‘‘सर्वेक्षण पूरा हो चुका है. सर्वेक्षण दल को सुरक्षित निकाल लिया गया है. स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है. शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.’’
रविवार सुबह संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार संभल में पथराव की घटना स्थल पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है और इलाके में शांति बहाल हो गई है. अधिकारी ने कहा कि अराजकता के बावजूद मस्जिद का सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है और आरोपियों की पहचान के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि जामा मस्जिद के परिसर के पास खड़ी पुलिस उपनिरीक्षकों की कुछ गाड़ियों में आग लगा दी गई और पथराव की घटना के दौरान इलाके की कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा.
वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सर्वेक्षण के बारे में एएनआई से बात की और कहा कि 19 नवंबर को जारी न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अधिवक्ता आयुक्त द्वारा रविवार को दूसरे दिन का सर्वेक्षण किया गया. उन्होंने पुष्टि की कि सभी सुविधाओं की जांच की गई थी, और न्यायालय द्वारा निर्देशित वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी कर ली गई थी. जैन ने कहा कि सर्वेक्षण अब समाप्त हो गया है, और रिपोर्ट 29 नवंबर तक न्यायालय को सौंप दी जाएगी.