संभल: मस्जिद सर्वेक्षण हिंसा में समाजवादी सांसद और विधायक के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 25-11-2024
Sambhal: Case filed against Samajwadi MP and MLA's son in mosque survey violence fileb  photo
Sambhal: Case filed against Samajwadi MP and MLA's son in mosque survey violence fileb photo

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

संभल के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता जियाउर रहमान बर्क और स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.इकबाल भी अखिलेश यादव की पार्टी से हैं.अधिकारियों ने बताया कि दोनों पर हिंसा भड़काने, भीड़ जुटाने और अशांति फैलाने का आरोप है.

रविवार को हिंसा भड़क उठी, जब प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय शाही मस्जिद के निरीक्षण का विरोध किया.यह सर्वेक्षण कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयोग द्वारा किया गया था.यह सर्वेक्षण एक याचिका के बाद किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि मुगलकालीन मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया था.भीड़ ने पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। सुबह 7बजे शुरू हुआ तनाव कई घंटों तक जारी रहा.

झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई. उनकी पहचान नौमान, बिलाल, नईम और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है.हालांकि आरोप है कि पीड़ितों को गोली लगी है, लेकिन पुलिस ने कहा है कि मौत के सही कारण की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद होगी.

पुलिस ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने गोलियां चलाईं और एक पुलिस अधिकारी के पैर में गोली लग गई.एक अन्य अधिकारी को छर्रे लगे और हिंसा में 15से 20सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.एक अन्य पुलिसकर्मी के सिर में गंभीर चोट आई, जबकि डिप्टी कलेक्टर के पैर में फ्रैक्चर हो गया.

वीडियो में प्रदर्शनकारियों को शाही जामा मस्जिद के सामने की इमारतों से पुलिस पर पत्थर फेंकते हुए दिखाया गया है.बाद में, पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर एक संकरी गली में बड़ी भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहे लोगों को घेरते और पीटते हुए देखा गया.

जिला प्रशासन ने रविवार शाम को 24घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया.आज सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं और बड़े सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने के लिए निषेधाज्ञा लागू है.प्रशासन ने पत्थर, सोडा की बोतलें या कोई भी ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री खरीदने या जमा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को भी 30नवंबर तक बिना अनुमति के क्षेत्र में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है,

विपक्षी दलों ने हिंसा को लेकर भाजपा की आलोचना की.कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोलीबारी की. इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा द्वारा "सुनियोजित साजिश का भयावह परिणाम" बताया.समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाजपा की आलोचना की.सरकार और प्रशासन पर "चुनावी कदाचार से ध्यान हटाने के लिए" हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया.

भाजपा ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में विफलता के बाद से ही भारत गठबंधन अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है.इसने कहा कि जो लोग न्यायिक आदेशों से सहमत नहीं हैं. उन्हें कानूनी सहारा लेना चाहिए.पार्टी के एक प्रवक्ता ने हिंसा के लिए "घमंडिया गठबंधन" (अहंकार से भरा गठबंधन) को जिम्मेदार ठहराया, एक शब्द जिसे भाजपा नेता अक्सर भारत ब्लॉक के लिए इस्तेमाल करते हैं.

संभल में 19 नवंबर से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है, जब एक स्थानीय अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.पुलिस ने कहा कि पहला सर्वेक्षण अधूरा था, जिसके बाद रविवार को दूसरा सर्वेक्षण किया गया.हालांकि, हिंसा के बीच एडवोकेट कमिश्नर ने रविवार को सर्वेक्षण पूरा कर लिया.

अधिकारियों ने कहा कि घटना की मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी.हिरासत में लिए गए इक्कीस लोगों में दो महिलाएं भी हैं और अधिकारियों ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन, जो इस मामले में याचिकाकर्ता हैं, ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन) की अदालत से "मंदिर" पर नियंत्रण करने का आग्रह किया.हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने दावा किया कि इस स्थल पर कभी मंदिर हुआ करता था, जिसे मुगल सम्राट बाबू ने ध्वस्त कर दिया था.