बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले से संत समाज उद्वेलित, केंद्र सरकार से की सख्त कदम उठाने की अपील

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 21-12-2024
Saint community agitated by the attack on Hindus in Bangladesh, appealed to the central government to take strict action
Saint community agitated by the attack on Hindus in Bangladesh, appealed to the central government to take strict action

 

नई दिल्ली. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले की जगतगुरु परमहंस आचार्य और संत दिवाकराचार्य महाराज ने निंदा की. उन्होंने अपील की कि भारत सरकार को हिंदुओं पर हो रहे हमले को रोकने की दिशा में यथाशीघ्र कदम उठाना चाहिए.

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने अपने बयान में कहा, “यह बेहद चिंताजनक है कि कभी भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है, निर्मम हत्या की जा रही है, उनको तड़पा कर मारा जा रहा है, हिंदुओं की दुकानों को लूटा जा रहा है, हिंदुओं के घरों को आग लगाई जा रही है और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. उसे देखते हुए केंद्र सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. केंद्र सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. जिस तरह से हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, हम उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा, “केंद्र सरकार ने शेख हसीना को तो बचा लिया. लेकिन, सनातन धर्म का पालन कर रहे हिंदुओं को नहीं बचा पा रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. भारत में 5 करोड़ के लगभग घुसपैठिए बांग्लादेशी हैं. इनको तत्काल बाहर करें. अगर वहां हिंदुओं को मारा जा रहा है, तो यहां जो 5 करोड़ बांग्लादेशी हैं, उनके साथ ही ऐसा ही बर्ताव होना चाहिए. बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाने की जरूरत है.”

उन्होंने आगे कहा, “बांग्लादेश की शेख हसीना को तो हमने शरण दे दिया. लेकिन, जो लोग वहां मारे जा रहे हैं, उन्हें बचाने के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए.”

संत दिवाकराचार्य ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर कहा, “निरंतर बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न से मां भारती का सीना छलनी हो रहा है. प्रत्येक दिन हिंदू समाज पीड़ा की अनंत गहराइयों में डूबता जा रहा है. इस उत्पीड़न से हिंदू शोक और दु:ख के समुद्र में डूबे हुए हैं. ऐसे में भारत सरकार से यह अपेक्षाएं हैं कि वह बांग्लादेश से अपने राजनीतिक संबंधों को समाप्त कर दे. बांग्लादेश से किए गए विदेश नीति के समझौतों को समाप्त कर, भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं.”

उन्होंने कहा, “भारत को बांग्लादेश में लोकतंत्र और संविधान की पुनः स्थापना के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि वहां के हिंदू समाज को न्याय मिल सके. भारत सरकार को यह जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए उचित शासन व्यवस्था स्थापित करने में मदद करनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है, जब उन्हें दुनिया के एक प्रभावशाली वैश्विक नेता के रूप में देखा जाता है.”