एस जयशंकर ने फ्रांस के विदेश मंत्री से मुलाकात, भवन और नवाचार पर चर्चा की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 11-02-2025
S Jaishankar meets French Foreign Minister, discusses building and innovation
S Jaishankar meets French Foreign Minister, discusses building and innovation

 

पेरिस
 
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को पेरिस में अपने फ्रांसीसी समकक्ष जीन-नोएल बैरोट से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने आर्टिफिशियल इंस्टीट्यूट (स्टाइल), इनोवेशन, पोर्टेबल और आरामदायक ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-फ्रांस रोजगार आपूर्ति को मजबूत करने पर चर्चा की.
 
जयशंकर ने बैठक का जश्न साझा करते हुए कहा, "आज शाम पेरिस में विदेश मंत्री जीन-नोएल बरोट से सामूहिक खुशी हुई. स्थापत्य और नवप्रवर्तन, विशालता और सुरक्षा ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमारे व्यापक सहयोग पर चर्चा हुई. क्षेत्रीय और वैश्विक विकास के बारे में भी बात की गई."
 
फ्रांस के विदेश मंत्री ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, 'भारत के साथ, मशाल हमारी प्रतिष्ठा का नया क्षेत्र है. 2026 में, हम सामूहिक इनोवेशन का एक फ्रेंको-भारतीय वर्ष लिखेंगे!'
 
यह बैठक पेरिस में धर्मशाला शिखर सम्मेलन की सह-अध्याक्षता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत रात्रिभोज के दौरान हुई.
 
प्रधानमंत्री मोदी अपने दो देशों के दौरे का पहला चरण सोमवार को फ्रांस क्षेत्र में करेंगे. फ्रांस के बाद मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका जायेंगे.
 
अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल ग्रेजुएट्स के साथ मिलकर एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्याक्षता करेंगे, चर्चा चर्चा करेंगे और व्यापार जगत के नेताओं को बताएंगे. पेरिस पहुँचने पर उनका भारतीय विश्विद्यालय द्वारा भव्य स्वागत किया गया.
 
शाम को, पेरिस के एलीसी पैलेस में रात्रिभोज का आयोजन किया गया, राष्ट्रपति गणतंत्र ने प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मित्रतापूर्ण तरीके से गले मिलकर तय किया. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, "पेरिस में अपने मित्र राष्ट्रपति इंजीनियरों से मिलकर बहुत खुशी हुई."
 
रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेन्स से भी मुलाकात की, जो फ्रांस में स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हैं.
 
यह पीएम मोदी की फ्रांस की छठी है, जो देशों के बीच के प्रमुखों की गहरी खाई की यात्रा है.