बिहार
बिहार में चल रहे विधानसभा सत्र के बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया जा रहा वक्फ (संशोधन) विधेयक "पूरी तरह से असंवैधानिक" है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर इस मामले पर चर्चा के लिए समय नहीं देने का आरोप लगाया. "आज हम (राष्ट्रीय जनता दल) और वामपंथी दलों सहित सभी ने वक्फ बोर्ड से संबंधित मुद्दा उठाया, लेकिन स्पीकर ने हमें इस मुद्दे पर बात करने का समय नहीं दिया और (विधानसभा सत्र) स्थगित कर दिया.
यह केंद्र सरकार की साजिश है. देश में नफरत फैलाने के लिए. यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है. हमने संसद और बिहार विधानसभा में इसका विरोध किया और सड़कों पर भी करेंगे. हम किसी भी हालत में इस बिल को पास नहीं होने देंगे," राजद नेता तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा. यह कहते हुए कि वे नफरत की राजनीति के खिलाफ हैं, वरिष्ठ राजद नेता ने आगे कहा कि सरकार का केवल एक ही एजेंडा है, जो "हिंदुओं और मुसलमानों" के बीच नफरत फैलाना है.
यादव ने कहा, "हालांकि यह मामला जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के पास है, लेकिन हम अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं. लेकिन सरकार का एक ही एजेंडा है: हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाना. इस देश की खूबसूरती यही है कि यह विविधतापूर्ण है. हम नफरत की राजनीति के खिलाफ हैं." इससे पहले, संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह विधेयक "संविधान के अनुच्छेद 26 का गंभीर उल्लंघन है."
यह टिप्पणी तब आई जब उन्होंने अन्य विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के विस्तार की मांग को लेकर आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की. विधेयक की कमियां गिनाते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के बजाय उसे खत्म करने के लिए यह विधेयक ला रही है. उन्होंने इस विधेयक के पीछे सरकार की "मंशा" पर सवाल उठाया. ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, "यह कानून नहीं बना है और देखिए संभल में क्या हुआ... यह विधेयक अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है.
यह संविधान के अनुच्छेद 26 का गंभीर उल्लंघन है. यह विधेयक कलेक्टर को बहुत अधिक शक्ति देता है कि वह तय कर सकता है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति होगी या नहीं. इसके अलावा, वे किस आधार पर गैर-मुस्लिम को सदस्य बना रहे हैं?" इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता वी मुरलीधरन ने सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना की और कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों पर इस मुद्दे पर "दोहरा खेल" खेलने का आरोप लगाया.
भाजपा नेता ने कहा, "वक्फ संशोधन विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियां दोहरा खेल खेल रही हैं. केरल और कोचीन में, जहां ईसाई और मछुआरा समुदाय अपने अधिकारों की स्थापना के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जहां वक्फ बोर्ड ने अपनी जमीन के मालिकों को अनुचित नोटिस दिया है, सीपीएम और कांग्रेस के नेता आते हैं और उनका समर्थन करते हैं. लेकिन जब वे दिल्ली जाते हैं, तो वे अपनी संपत्ति रखने वाले लोगों के सही अधिकार का विरोध करते हैं..."