नई दिल्ली
भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का निधन एक महीना हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने रतन टाटा को लेकर एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत संबंधों और रतन टाटा के नेशन की भावना के साथ काम करने के लिए प्रेरणा स्रोत और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'रत्न टाटा को आखिरी विदाई दी गई है, जिसका करीब एक महीना चुकाया गया है. भारतीय उद्योग जगत उनके योगदान को सदैव याद रखेगा और सभी देशवासियों को यह प्रेरणा देता रहेगा. उनके अंतिम जीवन और अतुलनीय योगदान को समर्पित मेरा यह आलेख...'
रतन टाटा को लेकर लिखे लेख में पीएम मोदी ने अपने व्यक्तिगत संबंधों के बारे में बताया. उन्होंने लिखा, 'व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उनके बेहद करीब से देखने का सौभाग्य मिला.' हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया. वहां उनकी संस्थाओं द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया. इनमें से कई ऐसे राक्षस भी शामिल थे, जिन्हें लेकर वे बेहद भावुक थे.
जब मैं केंद्र सरकार में आया, तो हमारी नवीनतम बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयास में एक सहयोगी बने रहे. क्लीन भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था. वह इस जन आंदोलन के अध्यक्ष समर्थक थे. उनकी इस बात में यह कहा गया है कि भारत की प्रगति की दृष्टि से स्वच्छता और स्वस्थ आदतें कितनी महत्वपूर्ण हैं. अक्टूबर की शुरुआत में इंडिपेंडेंट इंडिया मिशन के शहीद स्मारक के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है. यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं और नवप्रवर्तन के लिए रतन टाटा को दिया प्रेरणा स्रोत बताया. उन्होंने अपने लेख में लिखा, 'युवाओं के लिए, रतन टाटा एक प्रेरणा स्रोत थे. उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद आता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जो पूरा न किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सके. रतन टाटा जी ने विद्यार्थियों को बताया कि स्वभाव के अनुसार, लेखों की सहायता से भी सफलता पाई जा सकती है.
रतन टाटा, भारतीय उद्यमिता के सबसे अच्छे संस्थान के प्रतीक थे. वो मूलतः, उत्कृष्टता और उत्कृष्ट सेवा जैसे लिपस्टिक के एडिग प्रतिनिधि थे. उनके नेतृत्व में, टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विशिष्टता का प्रतीक नए शिखर पर पहुंचा. इसके बावजूद, उन्होंने अपनी कक्षा को पूरी तरह से और सहजता के साथ स्वीकार कर लिया.'
पीएम मोदी ने रतन टाटा के नेशन की पहली भावना के साथ काम करने की प्रेरणा दी. उन्होंने लिखा, 'रत्न टाटा जी ने सदैव, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा. 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोला गया, इस राष्ट्र के एकजुटता का प्रतीक था. उनके इस कदम से बड़ा संदेश दिया गया कि - भारत रुकेगा नहीं...भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है.'