वक्फ भूमि मुद्दे पर हावेरी में विरोध प्रदर्शन, भाजपा नेता गिरफ्तार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-11-2024
Protest in Haveri over Waqf land issue, BJP leader arrested
Protest in Haveri over Waqf land issue, BJP leader arrested

 

हावेरी (कर्नाटक). वक्फ बोर्ड भूमि मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच, कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सरकारी रिकॉर्ड से ‘वक्फ बोर्ड’ शब्द को हटाने की मांग की गई और वक्फ बोर्ड द्वारा कथित अतिक्रमणों पर चिंता जताई गई.

पूर्व मंत्री बीसी पाटिल, भाजपा हावेरी जिला अध्यक्ष अरुणकुमार पुजार, पूर्व विधायक विरुपाक्षप्पा बेल्लारी, अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. बाद में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

‘हमारी भूमि, हमारा अधिकार’ के बैनर तले पूरे राज्य में डिप्टी कमिश्नर (डीसी) और तहसीलदार कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. राज्यव्यापी विरोध के बारे में बोलते हुए, कर्नाटक विधान परिषद के नेता चालावादी नारायणस्वामी ने कहा, ‘‘पूरे कर्नाटक में, हमारे नेता तीन दिनों (21, 22 और 23 नवंबर को) के लिए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि वक्फ बोर्ड को सरकारी रिकॉर्ड से हटाया जा सके. वक्फ बोर्ड को हटाया जाना चाहिए क्योंकि यह किसानों की जमीन पर कब्जा कर रहा है. यह एक गलत कदम है...’’

इससे पहले, इस मुद्दे पर हंगामे के बीच, कर्नाटक सरकार के राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ने वक्फ मामले के संबंध में सभी क्षेत्रीय आयुक्तों और जिला आयुक्तों को एक निर्देश जारी किया.

पत्र में उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है, जो भूमि म्यूटेशन रिकॉर्ड में बदलाव करते हैं या वक्फ अधिनियम के तहत किसानों को बेदखली नोटिस जारी करते हैं. 9 नवंबर को जारी आदेश में अधिकारियों को किसानों को दिए गए सभी नोटिस वापस लेने, अधिकारियों द्वारा जारी किए गए किसी भी भूमि म्यूटेशन आदेश को रद्द करने और चल रहे म्यूटेशन कार्य को रोकने का निर्देश दिया गया है.

इस बीच, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुरुवार को कहा कि समिति की रिपोर्ट तैयार है और समय पर सदन को सौंप दी जाएगी. गुरुवार को संसद भवन एनेक्सी में जेपीसी की बैठक हुई. मीडिया को संबोधित करते हुए पाल ने कहा, ‘‘यह आखिरी बैठक नहीं है. अगर सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब मिल जाते हैं, तो प्रस्तावित संशोधन के लिए उनकी राय पर विचार किया जाएगा और आम सहमति बनाई जाएगी. हमारी रिपोर्ट तैयार है और समिति इसे समय पर सौंप देगी.’’

25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक जेपीसी द्वारा विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने की उम्मीद है. जेपीसी का काम वक्फ अधिनियम में सुधार और यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग समुदाय के अधिक लाभ के लिए किया जाए.