नई दिल्ली. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना आधार पर 47 प्रतिशत बढ़कर 3.22 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 2.18 लाख करोड़ रुपये था. यह जानकारी एक आधिकारिक रिपोर्ट में दी गई.
इस दौरान सीपीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) भी दोगुना हो गया है.
बाजार पूंजीकरण में वृद्धि में मुख्य योगदान एनटीपीसी लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का रहा है.
वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, लाभ में वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम (रिफाइनरी और मार्केटिंग) समूह से आया है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पेट्रोलियम (रिफाइनरी और मार्केटिंग) समूह में कुल शुद्ध लाभ में बढ़ाने में प्रमुख योगदान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (0.31 लाख करोड़ रुपये) का है.
वित्त वर्ष 2023-24 में घाटे में चल रहे सीपीएसई ने 0.21 लाख करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है. यह वित्त वर्ष 2022-23 के आंकड़े 0.29 लाख करोड़ रुपये से 27 प्रतिशत कम है.
घाटे में चल रहे प्रमुख सीपीएसई में भारत संचार निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड और एनएमडीसी स्टील लिमिटेड शामिल हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को वित्त वर्ष 2023-24 में 0.15 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. इससे पहले कंपनी 0.15 लाख करोड़ रुपये के घाटे में थी. वहीं, भारत संचार निगम लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2022-23 में 0.08 लाख करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 0.05 लाख करोड़ रुपये पर रह गया है.
केंद्रीय राजकोष में योगदान देने वाले शीर्ष पांच सीपीएसई इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड हैं.