प्रयागराज
महाकुंभ के दौरान बुधवार सुबह हुए भगदड़ हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. प्रशासन के अनुसार, 25 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि पांच की शिनाख्त बाकी है. घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. तीन सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे, जिनके साथ पूर्व डीजी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह शामिल होंगे.
सीएम योगी ने इस घटना को 'दिल दहला देने वाली' बताया. कहा कि भारी भीड़ और बैरिकेड्स टूटने के कारण भगदड़ मची. उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली जाने का अपना दौरा स्थगित कर दिया. प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए रखा.
भगदड़ की घटना मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई, जब 57.1 मिलियन श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे थे. कल्पवासियों की संख्या 10 लाख से अधिक हो गई है, जबकि अब तक 199.4 मिलियन से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में आ चुके हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, योग गुरु बाबा रामदेव, आप नेता राघव चड्ढा, राजद नेता तेजस्वी यादव और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने घटना पर शोक व्यक्त किया. बाबा रामदेव ने श्रद्धालुओं से आत्म-अनुशासन बनाए रखने की अपील की, जबकि अन्य नेताओं ने सरकार से सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने की मांग की..
यह हादसा महाकुंभ के आयोजन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है. अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट और प्रशासन की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं.